नई दिल्ली: देश के कई हिस्सो में अभी भी टमाटर 100 रुपए प्रति किलो के पार है और इसकी कीमते कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। केवल थोक ही नहीं बल्कि खुदरा बाजार में भी टमाटर की कीमते आसमान छू रही है।
ऐसे में टमाटर के रेट के कम होने पर बोलेते हुए उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे का बयान भी सामने आया है। मंत्री ने कहा है कि देश में जल्द ही टमाटर के दाम कम होंगे और पहले की तरह इसकी कीमत हो जाएगी।
क्या कहा उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री ने
दरअसल, राज्यसभा में संसद के मानसून सत्र के दौरान सांसद कार्तिकेय शर्मा ने टमाटर की कीमतों को लेकर एक सवाल किया था। इस पर जवाब देते हुए उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा है कि महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से नई फसलों के आने से बाजार में टमाटर की कीमतों में कमी देखने की उम्मीद है।
बता दें कि सरकार ने टमाटर की कीमतों को कम करने के लिए कई जरूरी कदम उठाए थे। ऐसे में सरकार अब मूल्य स्थिरीकरण निधि के तहत टमाटर खऱीद रही है और उसे उपभोक्ताओं को अत्यधिक रियायती दर पर उपलब्ध करा रही है। इसके अलावा, सरकार ने राज्य सरकारों को टमाटर की कीमतों को कम करने के लिए बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए कहा है।
कम दाम में टमाटर दिला रही है सरकार
मामले में बोलते हुए मंत्री ने कहा है कि "राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) और राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (NAFED) लगातार आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र की मंडियों से टमाटर खरीद रहे हैं और उपभोक्ताओं को कीमत पर सब्सिडी देने के बाद इसे दिल्ली-एनसीआर, बिहार, राजस्थान के प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों में किफायती कीमतों पर उपलब्ध करा रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा है कि "टमाटर को शुरुआत में 90 रुपये प्रति किलोग्राम के खुदरा मूल्य पर बेचा गया है, जिसे 16.07.2023 से घटाकर 80 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया गया है और 20.07.2023 से इसे घटाकर 70 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया गया है।"
किसान आगे चलकर और कर सकते है टमाटर की खेती-मंत्री
उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा है कि हाल में अचानक आई टमाटर कीमतों में भारी उछाल के कारण देश के किसानों को प्रोत्साहन मिला है कि वे भी टमाटर की खेती करें ताकि उन्हें उनकी फसल की अच्छी कीमत मिले।
बता दें कि महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भारी बारिश के कारण टमाटर के फसल को भारी नुकसान हुआ है। यही नहीं मॉनसून के मौसम में टमाटर की मांग में भी बढ़ोतरी होती है। यही कारण है कि इसकी कीमतों में अचानक इजाफा देखा गया है।