चक्रवाती तूफान 'वायु' ने रातभर में रास्ता बदल लिया है। बताया जा रहा है कि अब चक्रवात ने समुद्र की ओर रुख कर लिया है। हालांकि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन हाई अलर्ट पर है। 'वायु' के असर से राज्य के तटीय क्षेत्रों में तूफानी हवाओं के साथ बारिश हो रही है। समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही है। तेज हवाओं के कारण धूल के गुबार उठ रहे हैं। हाईअलर्ट की घोषणा के बीच एनडीआरएफ, सेना सहित विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने मोर्चा संभाल लिया है।
कैसे बना 'वायु' चक्रवात
अरब सागर में पैदा गर्म समुद्री हवाओं की वजह से कम दबाव वाले क्षेत्रों में हवा ने एक दबाव का रूप ले लिया और मंगलवार को चक्रवात में बदल हो गया। इसे वायु से संबोधित किया जा रहा है, यह नाम भारत ने दिया है। इसके बाद मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया था कि बुधवार और खासकर गुरुवार को 'वायु' चक्रवात अपने चरम पर होगा। इस दौरान हवा की रफ्तार 135 किमी प्रति घंटे से ज्यादा की होगी। हालांकि यह खतरा अब टल गया है।
कैसे रखे जाते हैं चक्रवात के नाम
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने एक प्रणाली बनाई जिसके तहत अलग-अलग देश अपनी तरफ से तूफान के नाम सुझाते हैं। उन्हीं सुझाए गए तूफानों के नामों की सूची में से नाम रखे जाते हैं। साल 1953 से मयामी नेशनल हरिकेन सेंटर और वर्ल्ड मेटीरियोलॉजिकल ऑर्गनाइज़ेशन (डब्ल्यूएमओ) ही तूफ़ानों और चक्रवातों के नाम रखता रहा है।
लेकिन 2004 में भारत की पहल पर हिंद महासागर क्षेत्र के आठ देशों ने चक्रवातों के नामकरण की प्रणाली शुरू की। इनमें बांग्लादेश, भारत,पाकिस्तान, थाईलैंड मालदीव, म्यांमार, ओमानऔर श्रीलंका शामिल हैं।
इसके तहत आठ मुल्कों से 8 चक्रवातों के नाम मांगे गए, जिसके बाद 64 नामों की एक सूची तैयार की गई। इस सूची में भारत द्वारा दिए गए नाम इस प्रकार हैं-लहर, मेघ, सागर और वायु।
चक्रवात 'वायु' ने रास्ता बदला
मौसम विभाग ने गुरुवार को बताया कि चक्रवात 'वायु' ने अपना रास्ता बदल लिया है और अब इसके गुजरात तट से टकराने की संभावना नहीं है, लेकिन इसके प्रभाव के चलते राज्य के कई तटीय जिलों में भारी बारिश होगी। गुजरात सरकार ने तटीय जिलों में निचले इलाकों और कच्चे मकानों में रह रहे तीन लाख से अधिक लोगों को एहतियात के तौर पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम राजीवन ने बताया 'इसके (चक्रवात वायु के) तट से टकराने की संभावना नहीं है। यह केवल तट के किनारे से गुजरेगा। इसके मार्ग में हल्का बदलाव आया है। लेकिन, इसका प्रभाव वहां होगा, तेज हवाएं चलेंगी और भारी बारिश होगी।'
'फोनी' से कमजोर है 'वायु' चक्रवात
फोनी के मुकाबले वायु बेहद कमजोर है। विभाग पूर्वानुमान के अनुसार इसके सबसे मजबूत होने पर 110-120 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। जबकि फोनी जुड़ी हवाओं की गति लगभग 220 किमी प्रति घंटा थी।
इसके अलावा वायु केवल 'भीषण चक्रवाती तूफान' के रूप में वर्गीकृत किया गया। जबकि फोनी को 'बेहद भयंकर चक्रवाती तूफान' या 'सुपर चक्रवात' के रूप में वर्गीकृत गया था। लेकिन मानसूनी हवाओं से सभी नमी को अपनी ओर खींचकर चक्रवात के सामान्य प्रगति में हस्तक्षेप करने की उम्मीद जाताई जा रही है।