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प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी, जानें क्या है इसका मतलब? ये राजनयिक पासपोर्टधारकों को कैसे करता है प्रभावित?

By मनाली रस्तोगी | Updated: May 6, 2024 10:38 IST

28 अप्रैल को कथित तौर पर यौन उत्पीड़न में शामिल होने के लगभग 3,000 वीडियो वायरल होने के बाद रेवन्ना राजनयिक पासपोर्ट पर जर्मनी भाग गए हैं।

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ठळक मुद्देकेंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने हासन से सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया है।प्रज्वल रेवन्ना को भारत वापस लाने के लिए जांच टीम पहले से ही इंटरपोल से मदद ले रही है।प्रज्वल रेवन्ना हासन से सांसद हैं।

नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने हासन से सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया है। प्रज्वल रेवन्ना को भारत वापस लाने के लिए जांच टीम पहले से ही इंटरपोल से मदद ले रही है। इससे पहले सभी अंतरराष्ट्रीय चौकियों पर लुकआउट नोटिस भेजा गया था। 28 अप्रैल को कथित तौर पर यौन उत्पीड़न में शामिल होने के लगभग 3,000 वीडियो वायरल होने के बाद रेवन्ना राजनयिक पासपोर्ट पर जर्मनी भाग गए हैं।

ब्लू कॉर्नर नोटिस क्या है?

ब्लू कॉर्नर नोटिस एक डिजिटल 'वांटेड' पोस्टर की तरह है जिसे देशों के बीच साझा किया जाता है। यह इंटरपोल द्वारा आपराधिक गतिविधियों के लिए वांछित व्यक्तियों के बारे में दुनिया भर में जानकारी प्रसारित करने के लिए उपयोग किया जाने वाला अलर्ट का एक रूप है। 

यह तंत्र सीमा पार आपराधिक गतिविधियों के प्रति समन्वित प्रतिक्रिया के लिए देशों के बीच महत्वपूर्ण सूचनाओं और सहायता के अनुरोधों के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करता है।

ब्लू कॉर्नर नोटिस राजनयिक पासपोर्ट धारकों को कैसे प्रभावित करता है?

रेवन्ना जैसे राजनयिक पासपोर्ट धारक के लिए नोटिस उनके गृह देश से कानूनी कार्रवाई और प्रत्यर्पण अनुरोधों से उनकी छूट को समाप्त कर देता है। इससे पता चलता है कि अंतरराष्ट्रीय अधिकारी आरोपों का सामना करने के लिए उनकी भारत वापसी की मांग कर रहे हैं। वहीं, ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करने से अश्लील वीडियो कांड की जांच कर रही कर्नाटक विशेष जांच टीम को जद (एस) नेता के ठिकाने के बारे में जानकारी मिलने की उम्मीद है।

विभिन्न प्रकार के नोटिस

ब्लू नोटिस आपराधिक आरोप दायर होने के ठीक बाद या उससे पहले जारी किए जाते हैं; इसके विपरीत, जब किसी भगोड़े को आपराधिक आरोपों में दोषी ठहराया जाता है तो लाल नोटिस भेजे जाते हैं। नोटिस कुल मिलाकर सात प्रकार के होते हैं: लाल, पीला, नीला, काला, हरा, नारंगी और बैंगनी। 

प्रत्येक नोटिस का अपना अलग उद्देश्य होता है और उसके परिणाम होते हैं। इंटरपोल किसी सदस्य देश के राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के अनुरोध के आधार पर ये नोटिस जारी करता है और उन्हें सभी सदस्य देशों में वितरित करता है। इस मामले में, एसआईटी ने भारत में इंटरपोल मामलों के लिए जिम्मेदार नोडल निकाय, सीबीआई से संपर्क किया और प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस की मांग की।

टॅग्स :सीबीआईCentral Bureau of Investigation
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