कलियागंज: पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के कलियागंज में मंगलवार को एक बार फिर हिंसा भड़क गई और गुस्साई भीड़ ने एक थाने में आग लगा दी। यहां पिछले सप्ताह एक किशोरी की मौत के बाद प्रदर्शन कर रहे आक्रोशित स्थानीय लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया।
इससे पहले पिछले सप्ताह तनाव के बाद सोमवार तक हालात सामान्य होते नजर आ रहे थे। पिछले हफ्ते के आखिर में हिंसा भड़कने के बाद से भारी पुलिस बल यहां तैतान किया गया था।
इलाके में पिछले हफ्ते 17 वर्षीय एक लड़की की मौत के बाद हिंसा भड़क गई थी और तभी से यहां तनाव व्याप्त था। इसके बाद से धारा-144 लागू कर दी गई थी और लोगों के एक साथ जमा होने पर मनाही थी।
सामने आई जानकारी के अनुसार ताजा हिंसा तब भड़की जब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय का घेराव किया। इसके बाद हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े और लाठीचार्ज भी किया गया। इस दौरान भीड़ की ओर से भी पथराव किया गया।
टीएमसी ने भाजपा पर लगाया हिंसा भड़काने का आरोप
दूसरी ओर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है। टीएमसी ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने किशोरी की मौत को बलात्कार और हत्या का मामला बताकर गुस्सा भड़काने का काम किया है। वहीं, राज्य पुलिस ने कहा कि पोस्टमॉर्टम में पाया गया कि युवती की मौत 'जहरीले पदार्थ' के प्रभाव के कारण हुई।
गौरतलब है कि लड़की के लापता होने के एक दिन बाद गत शुक्रवार को उसका शव नहर में मिला था। इसके बाद इलाके में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। पुलिस ने बताया कि लड़की की मौत के सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें से 20 वर्षीय एक युवक की पहचान इस मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर की गई है।
पुलिस ने बताया है कि लड़की की मां की शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो के नेतृत्व में एक दल ने भी रविवार को लड़की के परिवार से मुलाकात की थी।
(भाषा इनपुट)