कोलकाता: आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की एक नेता ने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले की मतदाता सूची में बांग्लादेशियों को शामिल करवाने का वादा कर विवाद खड़ा कर दिया है। रिपोर्टों के अनुसार, उक्त टीएमसी नेता की पहचान पूर्व पंचायत प्रधान रत्ना विश्वास के रूप में की गई। एक वीडियो जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, उसमें उन्हें बांग्लादेशी अप्रवासियों से मतदान के लिए अपना नाम दर्ज कराने की अपील करते हुए सुना जा सकता है।
वीडियो में बांग्लादेशी अप्रवासियों को संबोधित करती हुई कहती है, “इस क्षेत्र में कई बांग्लादेशी रहते हैं। अगर जो लोग बांग्लादेश से यहां आए हैं उन्हें मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराने में दिक्कत आती है तो उन्हें जाकिर भाई से संपर्क करना चाहिए। ऐसे सभी लोगों को इस कार्यालय से संपर्क करना चाहिए...यह काम तेजी से किया जाना चाहिए।''
विवाद के बाद, स्थानीय पंचायत समिति के पूर्व अध्यक्ष जाकिर हुसैन (वीडियो में नामित) ने दावा किया, “रत्ना बिस्वास का यह मतलब नहीं था। मेरे क्षेत्र में रहने वाले अधिकांश लोग 1960-65 से पहले यहां आये थे।” उन्होंने आगे आरोप लगाया, “1990 के बाद कई लोगों को मतदाता सूची से हटा दिया गया है जो पहले मतदाता सूची में थे। दरअसल उन्होंने उन लोगों की मदद करने की बात कही है। हम निश्चित रूप से आम लोगों को मतदाता सूची में सुधार सहित सेवाएं निःशुल्क प्रदान करते हैं और यह सब कानून के अनुसार किया जाता है। उन्होंने गलत तरीके से उन सभी को बांग्लादेशी बताया।''
भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस और बांग्लादेशियों को मतदाता सूची में शामिल करने के नापाक एजेंडे पर हमला बोला है। प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, ''सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस पहले से ही ऐसे मतदाता पहचान पत्र बनाने का काम कर रही है। घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची में जोड़े जाते हैं।” उन्होंने मामले की जांच की भी मांग की है।