कोलकाता: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के बाद महिला सुरक्षा को लेकर घिरी राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। श्चिम बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच, राज्य पुलिस ने कुछ जिलों में 'पिंक मोबाइल' यूनिट शुरू की है।
पुलिस के अनुसार, यह पहल जलपाईगुड़ी, कूच बिहार, कलिम्पोंग, बारासात और रायगंज जिलों में शुरू की गई है, जिसमें विशेष रूप से प्रशिक्षित महिला अधिकारी इन पिंक मोबाइल' यूनिट को संचालित करेंगी। इसमें शामिल पुलिसकर्मी त्वरित और कुशल प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए 360-डिग्री कैमरों से लैस हैं।
एक महिला अधिकारी और चार महिला कांस्टेबलों की इस टीम को दोपहिया वाहनों पर गश्त करने वाली महिला पुलिस कर्मियों से बनी “विजेता बल” द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी। महिलाएं किसी भी आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबर 112 पर कॉल करके शिकायत दर्ज करा सकेंगी।
ये "पिंक मोबाइल" उत्पीड़न, घरेलू हिंसा या महिलाओं की सुरक्षा के लिए किसी भी खतरे से जुड़ी घटनाओं पर प्रतिक्रिया देंगे और सहायता मांगने वाली महिलाओं के लिए संपर्क बिंदु के रूप में भी काम करेंगे। वे स्कूलों, कॉलेजों और बाजारों जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त भी करेंगे ताकि पुलिस की मौजूदगी दिखाई दे और संभावित अपराधियों को रोका जा सके।
पुलिस के अनुसार यह पहल महिलाओं के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने और उन्हें बिना किसी डर के रहने और यात्रा करने के लिए सशक्त बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। जलपाईगुड़ी में, ऐसी चार "पिंक मोबाइल" वैन पहले ही काम करना शुरू कर चुकी हैं। ये दस्ते पूरे शहर में, खासकर उन इलाकों में सतर्क रहेंगे, जहां लड़कियों और महिलाओं का जमावड़ा रहता है, जिसमें शैक्षणिक संस्थान भी शामिल हैं।
"पिंक मोबाइल" वैन कैसे काम करेगी?
आपातकालीन स्थिति में, महिलाएं 112 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकती हैं।
कॉल को कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा।
कंट्रोल रूम से, संदेश "पिंक मोबाइल" वैन को भेजा जाएगा।
इसके बाद “पिंक मोबाइल” वैन लोकेशन को ट्रैक करेगी और मौके पर पहुंचेगी।