Weather News: आईएमडी ने मानसून को रिपोर्ट जारी की है। भारत में मानसून की स्थिति सामान्य से अधिक रहने की संभावना, संचयी वर्षा लंबी अवधि के 87 सेंटीमीटर औसत का 106 प्रतिशत होने का अनुमान है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने कहा कि 1951 से 2023 तक के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में नौ मौकों पर सामान्य से अधिक मानसूनी बारिश हुई, जब ला नीना के बाद अल नीनो घटना हुई। 1971 से 2020 तक वर्षा के आंकड़ों के अनुसार, हमने नया दीर्घकालिक औसत और सामान्य पेश किया है। इस सामान्य के अनुसार, 1 जून से 30 सितंबर तक, कुल वर्षा का औसत हुई है।
भारत में अच्छे मानसून से संबंधित ला नीना की स्थिति अगस्त-सितंबर तक सक्रिय होने की संभावना है। वर्ष 1951 से 2023 तक के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में उन नौ मौकों पर सामान्य से अधिक मानसूनी वर्षा दर्ज की गई, जब अल नीनो के बाद ला नीना की स्थिति बनी। उत्तर-पश्चिम, पूर्व और पूर्वोत्तर के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है।
भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने अपने पूर्वानुमान में सोमवार को बताया कि इस साल मानसून के दौरान पूरे देश में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना है। आईएमडी के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने यहां पत्रकार वार्ता में कहा कि पूरे देश में 2024 दक्षिण-पश्चिम मानसून के तहत एक जून से 30 सितंबर के बीच मानसून ऋतुनिष्ठ वर्षा दीर्घावधि औसत (एलपीए) का 106 फीसदी होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि अगर ऋतुनिष्ठ वर्षा के दीर्घावधि औसत की 96 फीसदी से 104 फीसदी के बीच बारिश होती है तो वो सामान्य होती है। आईएमडी प्रमुख ने कहा कि 106 फीसदी बारिश सामान्य से अधिक की श्रेणी में आती है और अगर दीर्घावधि औसत की 105 फीसदी से 110 फीसदी के बीच बारिश होती है तो इसे सामान्य से अधिक माना जाता है। पूरे देश में ऋतुनिष्ठ वर्षा का दीर्घावधि औसत 87 सेंटीमीटर है।