गोरखपुर (उत्तर प्रदेश), 15 दिसंबर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ विपिन रावत का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने के हादसे में गंभीर रूप से घायल भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की बुधवार को मृत्यु होने के बाद देवरिया जिले में स्थित उनके पैतृक गांव कन्हौली में शोक की लहर दौड़ गई।
वरुण सिंह पिछली आठ दिसंबर को तमिलनाडु में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जीवित बचे एकमात्र व्यक्ति थे। दुर्घटना में देश के पहले प्रधान रक्षा अध्यक्ष बिपिन रावत समेत 13 लोगों की मृत्यु हो गई थी।
दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को नाजुक हालत में बेंगलुरु के कमांड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां एक हफ्ते तक मौत से जूझने के बाद बुधवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।
देश के लोगों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में स्थित सिंह के पैतृक गांव कन्हौली के लोग भी उनके स्वस्थ होने की दुआ कर रहे थे, मगर दोपहर करीब एक बजे उनकी मृत्यु की सूचना मिलने पर पूरा गांव शोक में डूब गया।
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के पिता कर्नल के. पी. सिंह और उनके चाचा पूर्व कांग्रेस विधायक अखिलेश प्रताप सिंह समेत तमाम परिजन पहले से ही बेंगलुरु में हैं।
गांव में वरुण सिंह के घर की देखरेख करने वाले चंदन गोंड ने बताया कि सिंह पांच महीने पहले कन्हौली गांव आए थे और वह उन्हें फसल दिखाने के लिए खेतों में ले गए थे। मगर अब उनकी सिर्फ यादें ही रह गई हैं।
सिंह के गांव के रहने वाले राम प्रताप सिंह ने कहा कि वह ग्रुप कैप्टन को कभी नहीं भूल पाएंगे क्योंकि वह बुलंदियां पाने के बावजूद जमीन से जुड़े इंसान थे और वह उनसे दोस्त की तरह बात करते थे।
सिकंदर कुशवाहा नामक एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि सिंह हमेशा उन्हें सिखाते थे कि जीवन में देश सर्वोपरि है।
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