Parliament Session: कांग्रेस पार्टी की राज्यसभा सांसद फूलो देवी नेताम शुक्रवार को NEET पेपर लीक का विरोध करने के दौरान सदन में चक्कर खाकर गिर गईं। मिली जानकारी के अनुसार नेताम को राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
NEET को लेकर दोनों सदनों में हंगामा
आपको बता दें कि NEET पेपर लीक को लेकर कांग्रेस समेत विपक्ष सरकार पर हमलावर है और सदन में विषय पर चर्चा की मांग कर रहा है। हालांकि सरकार चाहती है कि पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा हो। फिलहाल सोमवार तक के लिए दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ पर निशाना साधा
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ पर निशाना साधते हुए कहा, "यह उनकी (राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की) गलती है...मैं उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए अंदर गया था। लेकिन तब भी वे नहीं देख रहे थे...मैं ध्यान आकर्षित कर रहा था। वे केवल सत्ता पक्ष को देख रहे थे। जब मैं उनका ध्यान आकर्षित करता हूं तो नियमानुसार उन्हें मेरी तरफ देखना चाहिए, लेकिन इसके बजाय उन्होंने जानबूझकर मुझे अनदेखा कर मेरा अपमान किया। तो मेरे लिए क्या बचा था? इसलिए ध्यान आकर्षित करने के लिए मुझे या तो अंदर जाना होगा या बहुत जोर से चिल्लाना होगा। इसलिए मैं कहूंगा कि यह चेयरमैन साहब की गलती है। मैं कहता हूं कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए और इस राज्यसभा की गरिमा बनाए रखनी चाहिए...इतने बड़े घोटाले हुए हैं, NEET परीक्षा हुई है, पेपर लीक हुआ है और लाखों बच्चे परेशान हैं। इसलिए लोगों की समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए हमने एक विशिष्ट चर्चा की मांग की। हम किसी को परेशान नहीं करना चाहते थे, हम केवल छात्रों के मुद्दे उठाना चाहते थे...लेकिन उन्होंने इसे मौका ही नहीं दिया, इस पर ध्यान ही नहीं दिया और इसलिए हमें यह करना पड़ा।"
स्थिति तब और बिगड़ गई जब विपक्षी सदस्य राज्यसभा के वेल में आ गए। इस पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए धनखड़ ने कहा, "माननीय सदस्यों, आज का दिन भारतीय संसद के इतिहास में इतना कलंकित हो गया है कि विपक्ष के नेता खुद वेल में आ गए हैं। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। मैं दुखी हूं, मैं स्तब्ध हूं। भारतीय संसदीय परंपरा इस हद तक बिगड़ जाएगी कि विपक्ष के नेता वेल में आ जाएंगे, उपनेता वेल में आ जाएंगे।"
NEET पर चर्चा की मांग पर अड़े विपक्ष के कारण लोकसभा में कोई कामकाज नहीं हो सका। नवनिर्वाचित सांसद कंगना रनौत ने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए विपक्ष के आचरण की आलोचना की और कहा, "आपने वहां उनका आचरण देखा। स्पीकर ने भी उन्हें फटकार लगाई...लेकिन ऐसा लगता है कि वे (विपक्ष) किसी की बात सुनने को तैयार नहीं हैं। हम पहली बार यहां आए हैं और हम भी हैरान हैं कि आखिर हुआ क्या है...उन्हें किसी को बोलने नहीं देते हुए देखना बुरा लगा। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा को भूलकर वे मनमाने ढंग से काम कर रहे थे...मुझे नहीं लगता कि इस तरह का आचरण स्वीकार्य होना चाहिए।"
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने निराशा व्यक्त की कि संसद में NEET मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई। मनीष तिवारी ने कहा, "दो मुद्दे महत्वपूर्ण हैं। पहला है NEET, जिसमें पेपर लीक के कारण लाखों छात्र प्रभावित हुए हैं और दूसरा है आपराधिक कानून, जिन्हें 1 जुलाई 2024 से लागू किया जाना है। इसलिए, INDIA गठबंधन द्वारा NEET पर स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया गया था। मैंने विशेष रूप से आपराधिक कानूनों के संबंध में नोटिस दिया था कि उनके कार्यान्वयन को रोका जाना चाहिए। दुर्भाग्य से, इस पर चर्चा नहीं हुई।"