लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद वरुण गांधी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को पत्र लिखकर कहा कि पूरी जांच के बिना अमेठी में संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस को तेजी से निलंबित करना उन सभी व्यक्तियों के साथ अन्याय है जो न केवल प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बल्कि अपनी आजीविका के लिए भी संस्थान पर निर्भर हैं।
कथित चिकित्सीय लापरवाही के कारण 22 वर्षीय महिला की मौत के बाद लिए गए अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए मंत्री से आग्रह करते हुए गांधी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नागरिकों की चिकित्सा सेवाओं तक पहुंच निर्बाध रहेगी, जबकि सरकार एक पारदर्शी जांच सुनिश्चित करती है जो तत्काल चिंताओं का समाधान करती है और घटना में योगदान देने वाले किसी भी प्रणालीगत मुद्दे की पहचान करता है और उसे ठीक करता है।
एनडीटीवी के पत्र में कहा गया, "अस्पताल, जिसकी आधारशिला 1982 में पूर्व प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा रखी गई थी, कई दशकों से अमेठी और इसके पड़ोसी जिलों में लोगों के लिए स्वास्थ्य देखभाल सहायता के एक दृढ़ स्तंभ के रूप में खड़ा है।" उनके पत्र में इस बात की चेतावनी भी दी गई कि इसके लाइसेंस को निलंबित करने से क्षेत्र की स्वास्थ्य देखभाल पहुंच, रोजगार और शिक्षा पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा।
वहीं, शनिवार को एक वीडियो पोस्ट करते हुए वरुण गांधी ने लिखा, "सवाल संजय गांधी अस्पताल के 450 कर्मचारियों और उनके परिवार का ही नहीं, रोज सैकड़ों की संख्या में इलाज कराने वाले सूबे की आम जनता का भी है। उनकी पीड़ा के साथ न्याय 'मानवता की दृष्टि' ही कर सकती है, 'व्यवस्था का अहंकार' नहीं। कहीं 'नाम' के प्रति नाराजगी लाखों का 'काम' न बिगाड़ दे।"
संजय गांधी अस्पताल संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट नई दिल्ली द्वारा चलाया जाता है और सोनिया गांधी इसकी अध्यक्ष हैं जबकि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ट्रस्ट के सदस्य हैं।