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वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे कार्य शुरू, सभी पक्ष मौके पर मौजूद, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

By भाषा | Updated: May 14, 2022 13:00 IST

ज्ञानवापी मस्जिद प्रतिष्ठित काशी विश्वनाथ धाम के करीब स्थित है और स्थानीय अदालत महिलाओं के एक समूह द्वारा इसकी बाहरी दीवारों पर मूर्तियों के सामने दैनिक प्रार्थना की अनुमति मांगने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर रही है।

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ठळक मुद्देज्ञानवापी मस्जिद प्रतिष्ठित काशी विश्वनाथ धाम के करीब स्थित है।अदालत ने स्पष्ट किया था कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर भी वीडियोग्राफी कराई जाएगी। अदालत ने संपूर्ण परिसर की वीडियोग्राफी करके 17 मई तक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे।

वाराणसी:उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे-वीडियोग्राफी कार्य शनिवार सुबह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच एक बार फिर शुरू हो गया। वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने यह जानकारी दी।

शर्मा ने बताया कि अधिकृत व्यक्ति, जिनमें सभी पक्ष, उनके वकील, अधिवक्ता आयुक्त और वीडियोग्राफर शामिल हैं, मौके पर पहुंच गए हैं। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वेक्षण शुरू हो गया है।”

ज्ञानवापी मस्जिद प्रतिष्ठित काशी विश्वनाथ धाम के करीब स्थित है और स्थानीय अदालत महिलाओं के एक समूह द्वारा इसकी बाहरी दीवारों पर मूर्तियों के सामने दैनिक प्रार्थना की अनुमति मांगने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर रही है।

जिलाधिकारी शर्मा ने इससे पहले कहा था कि शुक्रवार को सभी संबंधित पक्षों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी, जिसमें उनसे अदालत द्वारा गठित आयोग के काम में अवरोध उत्पन्न न करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग देने की अपील की गई थी। वाराणसी के पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने भी बताया कि सर्वे-वीडियोग्राफी कार्य शुरू हो गया है।

दीवानी अदालत के न्यायाधीश (सीनियर डिविजन) रवि कुमार दिवाकर ने बृहस्पतिवार को मुस्लिम पक्ष की आपत्ति खारिज करते हुए ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर भी सर्वे कराने और इस कार्य के लिए नियुक्त अधिवक्ता आयुक्त अजय मिश्रा को नहीं हटाने का निर्णय लिया था।

इससे पहले, ज्ञानवापी मस्जिद का रख-रखाव करने वाली संस्था ‘अंजुमन इंतजामिया मसाजिद’ के संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने शुक्रवार को कहा था, “हमने सिविल जज रवि कुमार दिवाकर की अदालत द्वारा बृहस्पतिवार को पारित आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। न्यायालय ने कहा है कि वह इस पर कोई आदेश देने से पहले सभी फाइलें देखेगा। अगर वह इस मामले पर कोई आदेश नहीं देता है तो हम उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं।”

यासीन ने कहा था, “तब तक हम जिला अदालत द्वारा दिए गए आदेश के पालन में सहयोग करेंगे।” वहीं, मुस्लिम पक्ष के वकील अभय नाथ यादव ने कहा था कि जिला अदालत के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देने के बारे में अभी कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। सभी से राय-मशिवरे के बाद ही इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि वाराणसी की अदालत ने ज्ञानवापी-शृंगार गौरी परिसर का सर्वे-वीडियोग्राफी कराने के लिए नियुक्त अधिवक्ता अयुक्त को पक्षपात के आरोप में हटाने की मांग संबंधी याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी थी।

अदालत ने स्पष्ट किया था कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर भी वीडियोग्राफी कराई जाएगी। दीवानी अदालत के न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) दिवाकर ने अधिवक्ता आयुक्त अजय मिश्रा को हटाने संबंधी याचिका को नामंजूर करते हुए विशाल सिंह को विशेष अधिवक्ता आयुक्त और अजय प्रताप सिंह को सहायक अधिवक्ता आयुक्त के तौर पर नियुक्त किया था। उसने संपूर्ण परिसर की वीडियोग्राफी करके 17 मई तक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे।

टॅग्स :वाराणसीउत्तर प्रदेशकोर्ट
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