UP polls 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में अपनी जीत सुनिश्चित करने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रयासों को बुधवार को उस वक्त और बल मिला, जब समाजवादी पार्टी (सपा) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी पुत्रवधू अपर्णा यादव भगवा दल में शामिल हो गए।
वर्ष 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में लखनऊ कैंट से भाजपा नेता रीता बहुगुणा जोशी के हाथों पराजय का सामना कर चुकी अपर्णा यादव के भगवा दल में शामिल होने से पार्टी को सपा के आंतरिक मतभेदों के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को घेरने का एक मुद्दा जरूर मिल गया।
इस बीच बदायूं से सांसद और उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य ने अपर्णा यादव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चचेरी बहन बताया। फेसबुक पर किए गए पोस्ट में कई सवाल खड़े किए।
सांसद ने कहा कि संस्कार शब्द अच्छा है लेकिन संस्कार है किसके अंदर। हफ्ते भर पहले एक बेटी का पिता पार्टी बदलता है तो पुत्री पर हमला किया जाता है। वार हो रहा था। आज वही एक बहू अपने चचेरे भाई (योगी जी) के साथ एक पार्टी से दूसरी पार्टी में आती है तो स्वागत। क्या इसको भी वर्ग से जोड़ा जाना चाहिए कि बेटी (मौर्य) पिछड़े वर्ग की है और बहू (विष्ट) अगड़े वर्ग से हैं।
क्या बहन-बेटी की भी जाति और धर्म होता है। अगड़ा भाजपा में आता है तो राष्ट्रवादी और वो वोट भाजपा को करेगा या नहीं, इसपे सवाल खड़ा करना तो दूर सोचा भी नहीं जाता, लेकिन पार्टी में रहने वाला राष्ट्रद्रोही, उसके वोट पे सवाल खड़े हो रहे, ऐसा क्यों?
भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य खुद मौजूद थे। बाद में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की। योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा, ‘‘अपर्णा जी का भाजपा परिवार में स्वागत हैं।’’ मुख्यमंत्री ने अपर्णा के भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ उनकी एक तस्वीर भी साझा की।