नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने कहा है कि भारत के मातृ मृत्यु अनुपात में 6 अंकों का सुधार हुआ है। उन्होंने कहा, "मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) में 2014-16 में 130 से 2018-20 में 97 प्रति लाख जीवित जन्मों में महत्वपूर्ण गिरावट आई है।" भारत के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी पर विशेष बुलेटिन के अनुसार, भारत के मातृ मृत्यु अनुपात में 6 अंकों की शानदार वृद्धि हुई है और अब यह 97 प्रति लाख जीवित जन्मों पर है।
मातृ मृत्यु अनुपात (MMR) को प्रति 100,000 जीवित जन्मों पर एक निश्चित समय अवधि के दौरान मातृ मृत्यु की संख्या के रूप में परिभाषित किया गया है। नमूना पंजीकरण प्रणाली से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, देश ने 2014-2016 में एमएमआर में 130, 2015-17 में 122, 2016-18 में 113, 2017-19 में 103 और 2018-20 में 97 में उत्तरोत्तर कमी देखी है।
इसके साथ भारत ने 100/लाख से कम जीवित जन्मों के एमएमआर के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (एनएचपी) लक्ष्य को पूरा कर लिया है और 2030 तक 70/लाख जीवित जन्मों से कम एमएमआर के एसडीजी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सही रास्ते पर है। सतत विकास लक्ष्य हासिल करने वाले राज्यों की संख्या के संदर्भ में की गई उत्कृष्ट प्रगति, संख्या अब केरल के साथ छह से आठ तक बढ़ गई है, इसके बाद महाराष्ट्र, फिर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश, बाद में तमिलनाडु, झारखंड, गुजरात और अंत में कर्नाटक।