भोपाल: मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा सांसद उमा भारती अपनी ही पार्टी पर हमलावर हैं। उमा भारती ने अब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर प्रदेश की शराब नीति को लेकर निशाना साधा है। शनिवार, 11 फरवरी को उमा भारती ने एक के बाद एक कई ट्विट किए जो सीधे राज्य सरकार की शराब नीति से संबंधित थे।
उमा भारती ने लिखा, "आज सुबह कुछ समाचार पत्रों में मैंने पढ़ा कि मध्यप्रदेश की शराबनीति जो कि 31 जनवरी को घोषित होनी थी वह अभी तक मेरी वजह से अटक गई है। यह तो सच है की 31 जनवरी को शराबनीति घोषित नहीं हुई किंतु तथ्य यह है कि 2 अक्टूबर गांधी जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में नवरात्रि के अष्टमी को बाबा रामदेव जी, चिन्मय पण्ड्या जी (गायत्री परिवार), कमलेश दाजी (समाजसेवी), सभी धर्मों के प्रतिनिधि संत तथा मैं भी वहां थी।"
उमा भारती ने आगे लिखा, "भरी सभा में, लाइव टेलीकास्ट में शिवराज जी ने यह घोषणा की थी कि आप सबसे परामर्श करके ही नई शराबनीति घोषित होगी। मैंने तो अपने परामर्श 31 जनवरी से पहले ही भेज दिए। अब शायद बाकियों से परामर्श चल रहा होगा।"
बता दें कि उमा भारती मध्यप्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की समर्थक हैं। वह राज्य की शराब नीति में बदलाव चाहती हैं और शराब वितरकों पर सरकार का और ज्यादा नियंत्रण चाहती हैं। उमा भारती सार्वजनिक रूप से कह चुकी हैं कि हमारी सरकार शराब की दुकानों के सामने कैसे शक्तिहीन हो सकती है?
बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार ने वर्ष 2023-24 में शराब से 14 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की मांगें और शराबनीति को लेकर उनकी सक्रियता से शिवराज सरकार की मुसीबतें बढ़ गई हैं।
नई शराबनीति को लेकर उमा भारती ओरछा में शराब दुकान के सामने विरोध प्रदर्शन भी कर चुकी हैं। उमा भारती ने स्कूल, धार्मिक स्थल, अस्पताल से शराब दुकानों की दूरी एक किमी करने और शराब पीने के अहातों को बंद करने के सुझाव दिए हैं।