प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने स्वामी चिन्मयानंद द्वारा विधि विषय की एक छात्रा के साथ कथित दुराचार के मामले में प्रगति रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लाने के लिए एक नया हलफनामा दाखिल करने के वास्ते राज्य सरकार को गुरुवार को दो दिन की मोहलत दी।
न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति वीके श्रीवास्तव की पीठ ने राज्य सरकार के वकील के अनुरोध पर यह आदेश पारित किया। राज्य सरकार के वकील ने इस मामले में नया हलफनामा दाखिल करने के लिए कुछ समय मांगा था क्योंकि जो हलफनामा तैयार किया गया था और जिसे गुरुवार को दाखिल किया जाना था, उसमें कुछ त्रुटि थी।
इससे पूर्व, उच्चतम न्यायालय ने 2 सितंबर, 2019 को उत्तर प्रदेश सरकार को चिन्मयानंद के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का निर्देश दिया था।
इसी निर्णय में उच्चतम न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया था कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय इस मामले की जांच की निगरानी के लिए एक पीठ गठित करेगा। उच्चतम न्यायालय के इस निर्देश के बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने मामले की जांच पर नजर रखने के लिए एक खंडपीठ का गठन किया।
विधि की छात्रा द्वारा भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ लगाए गए यौन शोषण के आरोपों की जांच कर रहा विशेष जांच दल इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष नियमित तौर पर प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि विधि की छात्रा के साथ यौन शोषण का आरोप लगाए जाने के करीब एक महीने बाद स्वामी चिन्मयानंद को 20 सितंबर, 2019 को विशेष जांच दल द्वारा गिरफ्तार किया गया।