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मेघालय सरकार गठन में ट्विस्ट; HSPDP के विधायकों ने संगमा की एनपीपी को किया समर्थन, पार्टी ने वापस लिया नाम, जानें

By अनिल शर्मा | Updated: March 4, 2023 12:07 IST

क्षेत्रीय पार्टी  HSPDP के दो विधायकों ने कोनराड संगमा के एनपीपी को अपना समर्थन दिया था लेकिन शुक्रवार देर शाम वापस ले लिया। 

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ठळक मुद्देसंगमा ने शुक्रवार को 32 विधायकों के हस्ताक्षर वाला समर्थन पत्र सौंपा था। सरकार बनाने के लिए 31 विधायकों की जरूरत है। एचएसपीडीपी ने एक पत्र जारी किया जिसमें दावा किया गया कि उसने पार्टी विधायकों को समर्थन के लिए अधिकृत नहीं किया है।

शिलांगः मेघालय में सरकार गठन में नया ट्विस्ट आ गया है। नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के लिए राज्य में सरकार बनाने की राह में मुश्किलें आ खड़ी हुई हैं। दरअसल क्षेत्रीय पार्टी  HSPDP के दो विधायकों ने कोनराड संगमा के एनपीपी को अपना समर्थन दिया था लेकिन शुक्रवार देर शाम वापस ले लिया। 

संगमा ने शुक्रवार को 32 विधायकों के हस्ताक्षर वाला समर्थन पत्र सौंपा था। सरकार बनाने के लिए 31 विधायकों की जरूरत है। शपथ ग्रहण समारोह 7 मार्च को होने की उम्मीद थी।  पत्र में एनपीपी के 26, भाजपा के दो, हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (एचएसपीडीपी) के दो और दो निर्दलीय विधायकों के हस्ताक्षर हैं।

दावा पेश करने के बाद संगमा ने कहा कि “हमारे पास पूर्ण बहुमत है। बीजेपी पहले ही अपना समर्थन दे चुकी है। कुछ अन्य लोगों ने भी अपना समर्थन दिया है।'' लेकिन HSPDP के दो विधायकों द्वारा नाम वापस लेने के बाद मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। शुक्रवार शाम एचएसपीडीपी ने एक पत्र जारी किया जिसमें दावा किया गया कि उसने पार्टी विधायकों (मेथोडियस डखार और शाक्लियर वारजरी) को एनपीपी के नेतृत्व वाली सरकार के गठन का समर्थन करने के लिए अधिकृत नहीं किया था।

 संगमा ने सरकार गठन को लेकर दावा पेश करने के बाद कहा था कि नयी सरकार सात मार्च को सुबह 11 बजे शपथ लेगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम में उपस्थित रहने के लिये अपनी रजामंदी दे दी है। वहीं विपक्ष ने एनपीपी पर आरोप लगाया कि उसके द्वारा एचएसपीडीपी विधायकों का अपहरण किया गया है।

विपक्ष के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर संगमा ने कहा था, ‘‘किसी ने भी किसी का अपहरण नहीं किया है। हमें उनका पूरा समर्थन हासिल है।’’ इससे पहले दिन में, तृणमूल कांग्रेस, यूडीपी, कांग्रेस, पीडीएफ और वीपीपी समेत विभिन्न दलों ने ‘गैर-एनपीपी, गैर-भाजपा’ सरकार के गठन पर चर्चा की।

तृणमूल कांग्रेस के नेता मुकुल संगमा ने कहा था कि वे ‘‘भ्रष्ट नेताओं से मेघालय को बचाने’’ की कोशिश कर रहे हैं। यूडीपी अध्यक्ष मेतबाह लिंगदोह ने कहा कि पार्टी को सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिये एनपीपी से कोई न्योता नहीं मिला है।

टॅग्स :मेघालयमेघालय विधानसभा चुनाव 2023
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