नई दिल्ली: प्रोफेसर डॉ. सुनील जगलान ने अपने "सेल्फी विद डॉटर" फाउंडेशन और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के सहयोग से 2014 से 2025 तक "गाली बंद घर अभियान" शुरू किया और उसका नेतृत्व किया। इस अभियान ने शहरी और ग्रामीण भारत के लगभग 70,000 लोगों से डेटा एकत्र किया, जिनमें युवा, शिक्षक, डॉक्टर, ऑटो चालक, छात्र, पुलिसकर्मी आदि शामिल थे, ताकि घर और दैनिक जीवन में गाली-गलौज के इस्तेमाल का अध्ययन किया जा सके।
सर्वेक्षण के अनुसार, दिल्ली इस सूची में सबसे ऊपर है, जहाँ 80% प्रतिभागियों ने गाली-गलौज, खासकर महिलाओं के लिए इस्तेमाल की जाने वाली गालियों के इस्तेमाल की बात स्वीकार की। पूर्वोत्तर में यह दर 20 से 30% के बीच थी, जबकि कश्मीर में सबसे कम (15%) गाली-गलौज का इस्तेमाल होता था।
30% महिला उत्तरदाताओं द्वारा भी ऐसी भाषा का इस्तेमाल किए जाने के कारण सामान्यीकरण को लेकर चिंताएँ बढ़ गईं। मौखिक दुर्व्यवहार की व्यापक संस्कृति की ओर ध्यान आकर्षित करने के अलावा, इस अभियान ने घर पर विनम्र बातचीत और ट्रैकिंग सिस्टम को प्रोत्साहित किया।
अब आइए हर राज्य की रैंकिंग और इन आंकड़ों के संभावित कारणों पर गौर करें। जानिए भारत के वे 10 राज्य कौन से हैं जहाँ बातचीत में सबसे ज़्यादा गाली-गलौज का इस्तेमाल होता है।
भारत की राजधानी दिल्ली इस मामले में सबसे ऊपर
कथित तौर पर 80% लोगों द्वारा गाली-गलौज वाली भाषा का इस्तेमाल करने के मामले में दिल्ली इस सूची में सबसे ऊपर है। दिल्ली में ज़िंदगी तेज़-तर्रार और बेहद तनावपूर्ण है। ट्रैफ़िक, जनसंख्या का दबाव और रोज़मर्रा की प्रतिस्पर्धा अक्सर लोगों को अपनी भड़ास कठोर या गाली-गलौज के ज़रिए निकालने के लिए मजबूर करती है।
1. पंजाब – 78%2. उत्तर प्रदेश – 74%3. बिहार – 74%4. राजस्थान – 68%5. हरियाणा – 62%6. महाराष्ट्र – 58%7. गुजरात – 55%8. मध्य प्रदेश – 48%9. उत्तराखंड – 45%10. कश्मीर – 15%