दिल्ली: पूर्व केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से 6 जुलाई को इस्तीफा दे दिया, वहीं 7 जुलाई को उनका राज्यसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा था।
इस तरह से संसद में भाजपा की कुल 395 की संख्या में अब कोई मुस्लिम चेहरा नहीं बचा है। इससे पहले बीते 30 जून को एमजे अकबर और 4 जुलाई को सैयद जफर इस्लाम ने राज्यसभा का कार्यकाल पूरा करके सदन से विदाई ले ली थी।
वहीं अगर लोकसभा की बात करें तो केंद्र में सत्तापक्ष की शीर्ष पार्टी भाजपा ने साल 2019 के चुनाव में कुल 303 सीटें जीती थीं, लेकिन यूपी लोकसभा के उपचुनाव 2022 में रामपुर और आजमगढ़ की सीटों पर भाजपा ने परचम लहराकर लोकसभा में कुल सदस्यों की संख्या 305 कर ली।
रामपुर की सीट आजम खान के द्वारा यूपी विधानसभा में जाने के बाद लोकसभा से इस्तीफा देने के कारण खाली हुई थी। उस समय कयास लगाये जा रहे थे कि भाजपा मुख्तार अब्बास नकवी को रामपुर के रास्ते लोकसभा में ला सकती है। लेकिन सारी अटकलों को खारिज करते हुए भाजपा ने धनश्याम लोधी को टिकट दे दिया।
मुख्तार अब्बास नकवी के अलावा जदयू नेता रामप्रसाद (आरसीपी) सिंह का भी राज्यसभा का कार्यकाल भी 7 जुलाई को पूरा हो रहा है। मीडिया रपट के मुताबिक पीएम मोदी ने कैबिनेट की बैठक में नकवी और आरसीपी सिंह का उनकी सेवा के लिए आभार जताया जिससे साफ हो गया है कि दोनों को मोदी कैबिनेट में राज्यसभा की सदस्यता खत्म होने के बाद जगह नहीं मिलेगी।
नियमानुसार किसी मंत्रिमंडल सदस्य को छह महीने के अन्दर लोकसभा या राज्यसभा में से किसी एक सदन का सदस्य बनना पड़ता है। यदि ये नेता मंत्रिमण्डल से इस्तीफा नहीं देते तो इन्हें भी छह महीने के अन्दर किसी सदन से चुनकर आना होता जिसकी सम्भावना नहीं बची है क्योंकि आगामी छह महीनों में अभी कोई राज्यसभा या लोकसभा उपचुनाव प्रस्तावित नहीं है।
हाल ही में यूपी की आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में भाजपा ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों को हराकर विजय हासिल की। इन दोनों सीटों पर 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा उम्मीदवारं की जीत हुई थी।
मुख्तार अब्बास नकवी भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। नकवी अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी केंद्रीय मंत्री रहे हैं। नकवी को नरेंद्र मोदी की साल 2014 की कैबिनेट में भी जगह मिली थी। इसके बाद साल 2019 में जब नरेंद्र मोदी ने सत्ता में दोबारा पीएम बने तो नकवी को फिर कैबिनेट में जगह मिली और वो अल्पसंख्यक मंत्रालय के मंत्री बनाये गये थे।
नकवी साल 2002 से 2022 तक लगातार राज्यसभा सदस्य रहे। नकवी राज्यसभा में भाजपा संसदीय दल के उपनेता थे। नकवी साल 2010 से 2016 तक यूपी से राज्यसभा सदस्य चुने गए थे और 2016 से 2022 तक झारखण्ड से राज्यसभा सदस्य चुने गए थे।
मुख्तार अब्बास नकवी का जन्म यूपी के प्रयागराज (तब इलाहाबाद) में हुआ था। नकवी अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में भी सूचना एवं प्रसारण मंत्री और संसदीय कार्यभार मंत्री रहे थे।