दिल्ली: बंगाल में सत्ताधारी ममता बनर्जी की तृणमूल सरकार और गवर्नर जदीप धनखड़ के बीच बढ़ती तनातनी अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की दहलीज तक आ पहुंची है।
सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने इस मामले में बताया कि उन्होंने पार्टी की ओर से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अनुरोध किया है कि पश्चिम बंगाल के मौजूदा गवर्नर जगदीप धनखड़ को राज्य से हटा लिया जाए।
तृणमूल सांसद बंद्योपाध्याय ने आगे कहा कि मैंने जब राष्ट्रपति से इस बात की अपील की थी तो उस वक्त उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी मौजूद थे। सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय के द्वारा बंगाल के गवर्नर को हटाये जाने का यह मामला संसद के बजट सत्र से एक दिन पहले आया है। जब मोदी सरकार विपक्ष के तमाम अन्य मुद्दों के साथ-साथ पेगासस के मामले को भी सामना करने वाली है।
बंगाल चुनाव के बाद जब से ममता बनर्जी ने नई सरकार की फिर से कमान संभाली है, उनके और गवर्नर जगदीप धनखड़ के बीच रिश्ते बड़े ही कटु स्तर पर पहुंच हये हैं। गवर्नर धनखड़ ने हाल ही में राज्य सरकार के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी करते हुए कहा था कि वह राज्य में "मानवाधिकारों को कुचलते हुए" और हिंसा में डूबे हुए नहीं देख सकते हैं।
वहीं बीते 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर बापू को श्रद्धांजलि देते राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा था कि उन्हें संवैधानिक जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए कोई कितना भी अपमानित करे लेकिन वो कर्तव्यों का पालन करते रहेंगे। इसके साथ ही धनखड़ ने ममता बनर्जी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि राज्य में हिंसा और लोकतंत्र एक साथ नहीं चलते हैं। सभी को मिलकर गांधीजी के शांति और अहिंसा के मार्ग पर चलना चाहिए।
वहीं जगदीप धनखड़ के आचरण को गवर्नर की प्रतिष्ठा के विपरित मानते हुए तृणमूल कांग्रेस ने फैसला किया कि वह इस संबंध में इसी संसद सत्र में राज्यसभा में एक ठोस प्रस्ताव रखेगी।
मालूम हो कि राज्य सरकार और राज्यपाल के बीच यूनिवर्सिटी के कुलपतियों की नियुक्ति और राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को विभिन्न मामलों में स्पष्टीकरण के लिए अपने कार्यालय में बुलाया जाने को लेकर काफी विवाद चल रहा है।
वहीं बीते 25 जनवरी को राज्यपाल धनखड़ ने बंगाल विधानसभा परिसर में बीआर अंबेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि देने के बाद बंगाल की राजनीतिक स्थिति को "भयानक और भयावह" बताया था, जिस पर ममता बनर्जी की तृणमूल सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई थी।