नई दिल्ली: इन दिनों किसान आंदोलन से जोड़कर एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि गाड़ी में बैठा एक व्यक्ति कुछ लोगों को एक पेय पदार्थ दे रहा है।
सोशल मीडिया पर ऐसा दावा किया जा रहा है कि वह व्यक्ति आंदोलन के दौरान किसानों के बीच शराब बेच रहा है।
लोकमत फैक्ट चेक में यह दावा गलत पाया गया है। 31 सेकंड के इस वीडियो को साझा कर सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि किसान विरोधी प्रदर्शन के दौरान मुफ्त शराब बेचा जा रहा है।
जानें लोकमत ने अपने फैक्ट चेक में क्या पाया है-
हमने फैक्ट चेक में पाया कि वीडियो पिछले साल अप्रैल से ही इंटरनेट पर उपलब्ध है। जबकि आपको पता है कि तीनों कृषि कानून के खिलाफ किसान सितंबर 2020 से विरोध कर रहे हैं। ऐसे में साफ है कि यह दावा गलत है।
बता दें कि इस वीडियो के बारे में जानने के लिए हमने रिवर्स इमेज खोज की और पाया कि यह वीडियो तीनों कृषि कानूनों के पारित होने से पहले से ही इंटरनेट पर था। कई फेसबुक यूजर्स ने अप्रैल 2020 में वीडियो को साझा किया था।
संसद में तीनों कृषि कानून को पारित करने से पहले का ही यह वायरल वीडियो है-
बता दें कि केंद्र सरकार ने संसद के मानसून सत्र के दौरान सितंबर 2020 में तीनों कृषि विधेयकों को पारित किया। जून 2020 में अध्यादेशों के रूप में पेश किए गए, विपक्षी सदस्यों द्वारा हंगामे के बीच उन्हें संसद के दोनों सदनों में पारित किया गया। राष्ट्रपति ने 27 सितंबर, 2020 को अपनी सहमति दी।
कुछ किसानों के समूहों द्वारा इन कानून के खिलाफ नवंबर में पंजाब में हफ्तों तक विरोध प्रदर्शन हुआ। इसके बाद यह आंदोलन दिल्ली पहुंचा। इसलिए, यह स्पष्ट है कि अल्कोहल के वितरण को दर्शाने वाले इस वीडियो का भारत में चल रहे किसानों के विरोध से कोई संबंध नहीं है।