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जम्मू-कश्मीर में परिसीमन का मकसद सभी को उचित प्रतिनिधित्व देना है: जितेंद्र सिंह

By भाषा | Updated: July 4, 2021 22:18 IST

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नयी दिल्ली, चार जुलाई केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की कवायद का मकसद विधानसभा में सभी वर्गों और क्षेत्रों को उचित प्रतिनिधित्व देना है।

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का मामला अन्य राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों से कुछ अलग है, इस मायने में कि सीटों की संख्या में विसंगति मौजूद है जिसे वर्षों से ठीक नहीं किया गया था।

उन्होंने कहा कि अतीत में ज्यादातर गैर-भाजपा सरकारों में सत्तारूढ़ दलों ने अपने चुनावी लाभ के लिए जानबूझकर परिसीमन प्रक्रिया में देरी करने का प्रयास किया।

सिंह ने' पीटीआई-भाषा' से कहा, "इसलिए विधानसभा में सभी वर्गों और सभी क्षेत्रों को उचित प्रतिनिधित्व प्रदान करने के मकसद से परिसीमन की कवायद की जा रही है।"

कुछ राजनीतिक हलकों में यह मांग उठ रही है कि परिसीमन प्रक्रिया से पहले विधानसभा चुनाव होना चाहिए, इस पर उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को चुनाव की तारीख तय करनी है।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में राज्य मंत्री सिंह ने कहा, " भाजपा चौबीस घंटे, सातों दिन सक्रिया रहने वाली पार्टी है और हम किसी भी स्तर पर किसी भी चुनाव के लिए हमेशा तैयार हैं, चाहे वह संसदीय चुनाव हो, विधानसभा चुनाव या स्थानीय निकाय चुनाव हो।"

मंत्री ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर यह अफवाह फैलाने का आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सीटों की संख्या बढ़ाने और चुनावी लाभ हासिल करने के लिये परिसीमन आयोग को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोप उनकी मानसिकता को दर्शाते हैं।

उन्होंने कहा, "इस तरह के आरोप उनके मन:स्थिति और उस मानसिकता का प्रतिबिंब हैं जिसके साथ उन्होंने छह दशकों से अधिक समय तक देश पर शासन किया। उन्हें चुनाव आयोग और सीबीआई जैसे संवैधानिक निकायों के कामकाज में हस्तक्षेप करते पाया जा चुका है।"

जम्मू-कश्मीर के उधमपुर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सदस्य सिंह ने कहा कि परिसीमन आयोग एक स्वतंत्र निकाय है जो अपने कामकाज में कुछ मानदंडों और मापदंडों का पालन करता है।

उन्होंने कहा, "इसलिए इस तरह का आरोप लगाना न केवल अनुचित है, बल्कि ऐसा कहना भी अनुचित है।"

सिंह ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार इन निकायों की स्वतंत्रता का सर्वोच्च सम्मान करती है और कभी भी उनके कार्य क्षेत्र में हस्तक्षेप करने की कोशिश नहीं करती है।

गौरतलब है कि परिसीमन आयोग राजनीतिक दलों, उनके नेताओं और सरकारी अधिकारियों के साथ बातचीत करने के लिए छह से नौ जुलाई तक जम्मू-कश्मीर के चार दिवसीय दौरे पर होगा, ताकि चुनावी क्षेत्रों की सीमाओं को फिर से निर्धारित करने की जारी प्रक्रिया पर प्रत्यक्ष रूप से जानकारी प्राप्त की जा सके।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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