लाइव न्यूज़ :

यूपी में महिला, बच्चों और नशे से जुड़े अपराधों को सख्ती से रोकेगी सरकार, आरोपियों को नहीं मिलेगी अग्रिम जमानत

By राजेंद्र कुमार | Updated: June 25, 2024 21:28 IST

सीएम योगी ने महिला और बच्चों से जुड़े अपराधों में अग्रिम जमानत का प्रावधान खत्म करने के लिए नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 482 में बदलाव करने के प्रस्ताव पर सहमति जताई है। इस फैसले के लागू होने से राज्य में महिलाओं, बच्चों या नशे से जुड़े विभिन्न अपराधों के मामलों में अग्रिम जमानत नहीं हो सकेगी।

Open in App

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपने सख्त क़ानूनों को लेकर देशभर में चर्चित है। मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं और बच्चों के से जुड़े अपराध में लिप्त व्यक्ति को अग्रिम जमानत ना मिले, इसे लेकर पहल कर दी है। इसके तहत सीएम योगी ने महिला और बच्चों से जुड़े अपराधों में अग्रिम जमानत का प्रावधान खत्म करने के लिए नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 482 में बदलाव करने के प्रस्ताव पर सहमति जताई है। इस फैसले के लागू होने से राज्य में महिलाओं, बच्चों या नशे से जुड़े विभिन्न अपराधों के मामलों में अग्रिम जमानत नहीं हो सकेगी। इसके लिए अध्यादेश लाया जाएगा, ताकि राज्य में महिलाओं और बच्चों से जुड़े अपराध में कमी लाई जा सके।

इन अपराधों में अग्रिम जमानत नहीं

राज्य के उच्चधिकारियों के अनुसार,मंगलवार को इस संबंध में कैबिनेट के समक्ष भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 482 में बदलाव को मंजूरी देने से जुड़ा प्रस्ताव लाया गया। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि अग्रिम जमानत की व्यवस्था पहले दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 438 में थी। इस कानून की जगह अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 ने ले ली है और इसकी धारा 482 में अग्रिम जमानत का प्रावधान है।

इसमें पॉक्सो एक्ट और भारतीय न्याय संहिता के तहत बलात्कार के अपराधों में अग्रिम जमानत पर रोक लगाई गई है। प्रदेश सरकार ने इसमें संशोधन के जरिए महिला-बच्चों से जुड़े और अपराधों को भी अग्रिम जमानत की परिधि से बाहर करने का फैसला किया है, जिससे पीड़ितों को धमकाने या यौन अपराध से जुड़े साक्ष्यों को प्रभावित न किया जा सके।

इसके अलावा प्रदेश सरकार ने कई और गंभीर अपराधों को अग्रिम जमानत की परिधि से बाहर करने का फैसला किया है। इसमें ड्रग्स सहित नशे से जुड़े अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए बने नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 (एनडीपीएस ) और विधि विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (यूएपीए ) भी शामिल हैं। 

इसके अलावा गवर्नमेंट सीक्रेट एक्ट में पकड़े जाने पर भी अग्रिम जमानत का फायदा नहीं मिलेगा और यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के तहत आने वाले अपराधों में भी अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी। इस कानून को खासतौर पर 'लव जिहाद' रोकने के लिए लाया गया था। बताया जा रहा है कि इस प्रस्ताव से सहमत होते हुए कैबिनेट बैठक में इसके लिए अध्यादेश लाने पर लाए जाने पर सहमति जताई है।

टॅग्स :योगी आदित्यनाथउत्तर प्रदेशक्राइमCrime
Open in App

संबंधित खबरें

भारतUP: बूथ पर बैठकर मंत्री और विधायक SIR का फार्म भरवाए, सीएम योगी ने दिए निर्देश, राज्य में 15.44 करोड़ मतदाता, पर अभी तक 60% से कम ने फार्म भरे गए

क्राइम अलर्टGhaziabad: मोदीनगर में नकाबपोश व्यक्ति ने 80 साल के ज्वेलरी शॉप के मालिक की चाकू मारकर हत्या की, फिर हमलावर से भिड़ा शख्स, देखें डिस्टर्बिंग वीडियो

ज़रा हटकेVIDEO: सीएम योगी ने मोर को अपने हाथों से दाना खिलाया, देखें वीडियो

क्राइम अलर्टUttar Pradesh: अमरोहा में दर्दनाक सड़क हादसा, खड़े ट्रक से टकराई कार, 4 युवकों की मौत

क्राइम अलर्टNoida News: सौतेले पिता ने 2 बच्चों को नाले में फेंका, राहगीरों ने समय रहते बचाया

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई