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तेलंगाना: राज्य के सरकारी अस्पतालों ने दी गर्भवती महिलाओं को बड़ी राहत, डिलवरी के समय लेबर पेन को दूर करने के लिए उन्हें दी जा रही है लाफिंग गैस

By आजाद खान | Updated: June 23, 2022 12:32 IST

इससे पहले 2019 में कोलकाता में भी ऐसे प्रयोग हो चुके है जहां वहां के डॉक्टरों ने 25 ऐसे सफल डिलवरी करवाएं है।

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ठळक मुद्दे तेलंगाना की एक सरकारी अस्पताल में महिलाओं की डिलीवरी के लिए लाफिंग गैस का इस्तेमाल हुआ है।इस प्रयोग के जरिए अब तक 13 सफल डिलवरी हो चुकी है। तेलंगाना सरकार अब इस प्रयोग को राज्य के हर सरकारी अस्पताल में लागू करने की तैयारी में है।

हैदराबाद: तेलंगाना के सरकारी किंग कोटि जिला अस्पताल में महिलाओं को डिलीवरी के समय लेबर पेन न हो इसके लिए लाफिंग गैस (नाइट्रस ऑक्साइड) का इस्तेमाल किया जा रहा है। मामले में अस्पताल के स्त्री रोग विभाग की प्रमुख डॉक्टर जलजा वेरोनिका ने बताया कि अब तक यह प्रयोग सफल रहा है और इसके जरिए करीब 13 गर्भवती महिलाओं की सही से बिना लेबर पेन की डिलीवरी हो पाई है। इसकी सफलता को देखते हुए इस पर अस्पताल के अधीक्षक ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग इस प्रयोग को लेकर काफी सीरियस है और इसे राज्य के हर सरकारी अस्पताल में लागू करने की योजना बना रही है। 

क्या है यह नया प्रयोग

इस प्रयोग में किंग कोटि जिला अस्पताल में आने वाले गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी के समय लाफिंग गैस (नाइट्रस ऑक्साइड) और ऑक्सीजन को मिलाकर दिया जा रहा है जिससे उनके डिलीवरी के दौरान होने वाला लेबर पेन यानी दर्द कम हो जा रहा है और इससे महिलाएं सही से अपने बच्चे को जन्म दे पा रही है। 

आपको बता दें कि इस फार्मूले के तहत पहली बार 12 मई को डिलवरी कराई गई थी और तब से लाकर आज तक कुल 13 गर्भवती महिलाओं की ऐसे ही डिलवरी हो चुकी है। इस पर बोलते हुए जलजा वेरोनिका ने कहा, "यह हैदराबाद के सरकारी अस्पताल में तैनात होने वाला अपनी तरह का पहला उपकरण है।"

किंग कोटि अस्पताल के डॉक्टरों ने जानकारी देते हुए बताया कि यह गैस गर्भवती महिलाओं को हो रहे दर्द के दौरान करीब 15-20 सिकेन्ड में काम करना शुरू करता है जो लेबर पेन से परेशान महिलाओं को एक से दो मिनट तक आराम देता है। उनके मुताबिक, यह एक संवेदनाहारी के रूप में कार्य करने के बजाय, यह एक एनाल्जेसिक के रूप में कार्य करता हैं। 

कैसे करता है यह प्रोसेस काम

इस पर बोलते हुए डॉक्टरों ने बताया कि जब गर्भवती महिलाएं डिलवरी के समय लेबर पेन सह नहीं सकती है तो वो उन्हें एक मॉस्क देते है जो पाइप के जरिए एंटोनॉक्स के एक सिलेंडर से जुड़ा होता है। जब महिलाएं लंबी सांस लेती है तो यह गैस उनके शरीर में जाती है जिससे उनको लेबर पेन को कम करने में मदद मिलती है। 

इससे पहले भी हो चुके है ऐसे प्रयोग

आपको बता दें कि इससे पहले 2019 में भी कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में भी इसी तरीके से प्रयोग किया गया था जहां पर महिलाओं को डिलवरी के लिए लाफिंग गैस का इस्तेमाल किया गया था। उस समय कोलकाता मेडिकल कॉलेज के प्रसूति विभाग के प्रधान पार्थ मुखोपाध्याय ने इस फॉर्मूला के जरिए 25 सफल डिलवरी कराई थी।  

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