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स्वदेशी रडार से लैस किए जाएंगे तेजस मार्क- 1ए लड़ाकू विमान, 100 किमी दूर से ही दुश्मन के विमान को पहचान पाने में है सक्षम

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: October 17, 2023 14:11 IST

तेजस एमके-1ए विमानों का अगली खेप 'अंगद' इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से लैस होगी। वायुसेना ने पहले जिन 83 LCA मार्क-1A का आॉर्डर दिया था उनकी डिलीवरी साल 2024 में हो सकती है।

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ठळक मुद्देतेजस एमके-1ए में लगाए जाएंगे स्वदेशी रडारस्वदेशी रडार 'उत्तम' लेगा इजराइली रडार की जगहस्वदेशी उत्तम रडार 100 किमी दूर से ही दुश्मन के विमान को पहचान पाने में सक्षम है

नई दिल्ली: भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस एमके-1ए को भारतीय रडार और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से लैस किया जाएगा। अभी एलसीए में इजराइली रडार का इस्तेमाल हो रहा है जिसे भारतीय रडार 'उत्तम' से बदलने की योजना है।  तेजस एमके-1ए विमानों का अगली खेप 'अंगद' इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से लैस होगी। स्वदेशी सैन्य हथियार प्रणालियों के लिए चल रहे अभियान  'मेड-इन-इंडिया' के तहत ये एक और बड़ी उपलब्धि होगी।

'उत्तम' एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (एईएसए) रडार और अंगद इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया जा रहा है और जल्द ही इसे तेजस एमके-1ए विमान में एकीकृत किया जाएगा।  स्वदेशी उत्तम रडार 100 किमी दूर से ही दुश्मन के विमान को पहचान पाने में सक्षम है। ये एक साथ 50 टारगेट को ट्रैक कर सकता है।

भारतीय वायुसेना ने 40 तेजस विमानों के आर्डर सबसे पहले दिए थे। इनमें से 31 विमान मिल चुके हैं। 83 आर्डर तेजस एमके-1ए विमानों के हैं। इनमें इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट और एईएसए रडार 'मेड-इन-इंडिया' होंगे। फिलहाल इन विमानों में इजराइल के ELTA 2052 रडार का इस्तेमाल किया जा रहा है। निकट भविष्य में 100 तेजस एमके-1ए लड़ाकू विमानों  के लिए अतिरिक्त ऑर्डर देने की योजना है। इसके अलावा 120 तेजस एमके-2 पर भी विचार किया जा रहा है।  2025 तक मिग-21 के स्कवाड्रन को  एलसीए मार्क 1ए से बदल दिया जाएगा। 

LCA मार्क-1A तेजस विमान का एडवांस वर्जन है. इस फाइटर प्लेन में अपग्रेडेड एवियोनिक्स और रडार सिस्टम लगे हुए हैं। अब फिर से 100 विमानों को खरीदने का मतलब है कि भारतीय वायुसेना के पास तेजस विमानों की एक बड़ी स्कवाड्रन होगी। अगर सब कुछ योजना अनुसार चला तो अगले 15 वर्षों में भारतीय वायुसेना के पास 40 एलसीए, 180 से ज्यादा एलसीए मार्क-1A और 120 एलसीए मार्क-2 फाइटर प्लेन होंगे।

वायुसेना ने पहले जिन 83 LCA मार्क-1A का आॉर्डर दिया था उनकी डिलीवरी साल 2024 में हो सकती है। बता दें कि मौजूदा समय में भी वायुसेना तेजस विमानों का संचालन करती है लेकिन  मार्क-1A पहले के वर्जन से ज्यादा एडवांस हैं। इसी तरह एलसीए मार्क-2 विमान पांचवीं पीढी के लड़ाकू विमान होंगे और इनमें अत्याधुनिक तकनीक इस्तेमाल की जाएगी।

टॅग्स :Tejasइंडियन एयर फोर्सindian air forceडीआरडीओDRDO
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