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तमिलनाडु: दलित कर्मचारी का आरोप, सरकारी दफ्तर में गिलास नहीं छूने देते, शौचालय इस्तेमाल करने से रोकते हैं, 6 के खिलाफ मामला दर्ज

By विशाल कुमार | Updated: May 31, 2022 09:21 IST

48 वर्षीय सहायक मरियप्पन ने आरोप लगाया कि उनके सहयोगियों द्वारा पीने के पानी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले गिलास का उपयोग करने से प्रतिबंधित किया गया, शौचालय तक पहुंच से इनकार किया गया और ऑफिस के कंप्यूटर का इस्तेमाल करने से रोक दिया गया।

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ठळक मुद्देविरुधुनगर जिले लोक निर्माण विभाग के दफ्तर का मामला।कार्यकारी अभियंता (निर्माण और रखरखाव) के कार्यालय के 48 वर्षीय सहायक मरियप्पन के साथ दुर्व्यवहार का आरोप।उत्पीड़न की सूचना देने पर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया।

चेन्नई:तमिलनाडु के लोक निर्माण विभाग के छह कर्मचारियों पर विरुधुनगर जिले में कुरावर समुदाय के एक सहकर्मी को परेशान करने के आरोप में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

एफआईआर के अनुसार, कार्यकारी अभियंता (निर्माण और रखरखाव) के कार्यालय में एक 48 वर्षीय सहायक मरियप्पन के साथ दुर्व्यवहार किया गया, उनके सहयोगियों द्वारा पीने के पानी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले गिलास का उपयोग करने से प्रतिबंधित किया गया, शौचालय तक पहुंच से इनकार किया गया और ऑफिस के कंप्यूटर का इस्तेमाल करने से रोक दिया।

2018 में मदुरै के एक कार्यालय से मरियप्पन के स्थानांतरण के बाद से उनके सहयोगियों द्वारा उन्हें कथित रूप से परेशान किया गया था। उन्होंने कथित तौर पर उनका तबादला कराने की धमकी भी दी थी।

विरुधुनगर ग्रामीण पुलिस ने अधीक्षक इलंगोवन, चौकीदार कथिरेसन, कनिष्ठ सहायक गणेश मुनियाराज, टाइपिस्ट राजेश, सहायक अधिकारी मुथु मुरुगनाथम और संभागीय लेखाकार धर्मेंद्र यादव को  27 मई को दर्ज की गई मरियप्पन की शिकायत के आधार पर एससी/एसटी अधिनियम और आईपीसी की धारा 147 (दंगा), 294 बी (अश्लीलता) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया।

एफआईआर में मरियप्पन ने आरोप लगाया है कि उन्होंने (याधव) मुझसे कहा कि अगर यह उनका राज्य (उत्तर प्रदेश) होता, तो वे निचली जाति के किसी व्यक्ति को कार्यालय में नहीं रहने देते।

आरोप के अनुसार, याधव ने उन्हें निचली जाति के पुरुषों को ऊंची जाति के पुरुषों द्वारा पीटे जाने के वीडियो दिखाए। अधीक्षक इलांगोवन की बात नहीं मानने पर उन्हें भी इसी तरह की चेतावनी दी गई थी। मरिप्पन ने कहा कि जब उन्होंने उत्पीड़न की सूचना दी तो विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया।

टॅग्स :तमिलनाडुPublic Works Departmentएमके स्टालिन
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