Tamil Nadu Train Accident: तमिलनाडु के तिरुवल्लूर में भीषण ट्रेन हादसा हुआ है जिसमें कई लोगों के घायल होने की सूचना मिली है। यह हादसा शुक्रवार, 11 अक्टूबर देर रात हुआ, जब यात्रियों से भरी एक ट्रेन खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। हादसे में एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हैं, जिनका इलाज जारी है।
यह घटना शुक्रवार रात को कवरपेट्टई में हुई और कर्नाटक के मैसूर से बिहार के दरभंगा जा रही बागमती एक्सप्रेस ट्रेन के कम से कम 12 डिब्बे पटरी से उतर गए। कवरपेट्टई चेन्नई से सिर्फ़ 40 किलोमीटर दूर है।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेन लूप लाइन में घुस गई थी, जहाँ मालगाड़ी खड़ी थी, यह एक गलती थी जिसकी अब जाँच की जाएगी। दुर्घटना रात 8.30 बजे के आसपास हुई, जब ट्रेन पोन्नेरी स्टेशन को पार कर रही थी। मुख्य लाइन से आगे बढ़ने के लिए हरी झंडी मिलने के बावजूद, ट्रेन को भारी झटका लगा और वह 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से लूप लाइन में घुस गई और पीछे से खड़ी मालगाड़ी से जा टकराई।
दक्षिण रेलवे के एक अधिकारी ने बताया, "कवरपेट्टई स्टेशन में प्रवेश करते समय ट्रेन चालक दल को जोरदार झटका लगा और दिए गए सिग्नल के अनुसार मुख्य लाइन में जाने के बजाय, 75 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल रही ट्रेन लूप लाइन में घुस गई। इसने लूप लाइन पर खड़ी एक मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मार दी।"
तिरुवल्लूर के जिला कलेक्टर टी प्रभुशंकर ने बताया कि ट्रेन में करीब 1,360 यात्री सवार थे। सूचना मिलने के तुरंत बाद हम मौके पर पहुंचे। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने हमें यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि बचाव अभियान बिना किसी देरी के आगे बढ़े। उनके आदेश का पालन करते हुए, हमने सुनिश्चित किया कि सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया जाए। उन्होंने कहा, "कोई हताहत नहीं हुआ। 19 लोग घायल हुए, जिनमें से चार को गंभीर चोटें आईं। उन्हें अस्पताल ले जाया गया और सभी की हालत फिलहाल स्थिर है।"
घायलों से मिले तमिलनाडु के डिप्टी सीएम
गौरतलब है कि हादसे की सूचना मिलते ही तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने दुर्घटना के बाद चेन्नई के सरकारी स्टेनली मेडिकल कॉलेज अस्पताल में यात्रियों से मुलाकात की। उन्होंने घायलों से बातचीत की और उनका हाल जाना।
बता दें कि इस घटना ने पूरे सेक्शन पर ट्रेनों की आवाजाही को प्रभावित किया है, जिससे रेलवे को ट्रेनों को डायवर्ट करना पड़ा या वैकल्पिक मार्गों से चलाना पड़ा। शुक्रवार रात को आधा दर्जन से अधिक ट्रेनों का मार्ग बदला गया। रेलवे ने दुर्घटना के बाद हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए।