लाइव न्यूज़ :

पत्रकार को ट्वीट करने और लिखने से कैसे रोका जा सकता है?, उच्चतम न्यायालय ने मोहम्मद जुबैर को बेल देते क्या कहा...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 20, 2022 18:28 IST

उत्तर प्रदेश में जुबैर के खिलाफ कुल सात प्राथमिकियां दर्ज की गयी हैं, जिनमें दो हाथरस में और एक-एक सीतापुर, लखीमपुर खीरी, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद और चंदौली पुलिस थाने में दर्ज की गई है।

Open in App
ठळक मुद्देसंगठन के ट्वीट और वित्तपोषण की पूरी जांच कर रही है। यूपी पुलिस द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) को भी भंग कर दिया।तो उस पर कानून के मुताबिक कार्रवाई की जा सकती है।

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को उत्तर प्रदेश में उनके खिलाफ दर्ज सभी प्राथमिकी में अंतरिम जमानत दे दी। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना की पीठ ने कहा कि जुबैर को लगातार हिरासत में रखने का कोई औचित्य नहीं है।

पीठ ने कहा कि जुबैर उत्तर प्रदेश पुलिस और दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज सभी प्राथमिकियों को रद्द करने के अनुरोध को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय जा सकते हैं, क्योंकि ये सभी प्राथमिकियां अब एक साथ जुड़ गई हैं। दिल्ली की अदालत ने उन्हें दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा दर्ज प्राथमिकी में जमानत दे दी, जो पहले से ही उनके संगठन के ट्वीट और वित्तपोषण की पूरी जांच कर रही है।

पीठ ने कहा कि यदि सभी मामलों की जांच विभिन्न अधिकारियों द्वारा अलग-अलग किये जाने के बजाय एक प्राधिकरण द्वारा की जाती है तो यह निष्पक्ष और उचित होगा। उच्चतम न्यायालय ने जुबैर को भविष्य में ट्वीट करने से रोकने से इनकार करते हुए कहा कि क्या एक वकील को बहस करने से रोका जा सकता है।

लगभग दो घंटे से अधिक समय तक चली सुनवाई के बाद पारित लंबे आदेश में पीठ ने कहा, ‘‘एक पत्रकार को ट्वीट करने और लिखने से कैसे रोका जा सकता है? अगर वह ट्वीट कर किसी कानून का उल्लंघन करता है तो उस पर कानून के मुताबिक कार्रवाई की जा सकती है।’’

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, "गिरफ्तारी की शक्तियों के अस्तित्व को गिरफ्तारी की शक्तियों के प्रयोग से अलग किया जाना चाहिए।" शीर्ष अदालत ने जुबैर के खिलाफ मामलों की जांच के लिए यूपी पुलिस द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) को भी भंग कर दिया।

पीठ ने कहा कि राजधानी की पटियाला हाउस अदालत में मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष 20,000 रुपये का एक मुचलका (जमानत बॉण्ड) जमा करने के बाद जुबैर को उत्तर प्रदेश में दर्ज सभी मामलों में जमानत पर रिहा किया जायेगा।

उच्चतम न्यायालय ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में जुबैर के खिलाफ उत्तर प्रदेश में दर्ज सभी मामले दिल्ली पुलिस को जांच के लिए सौंप दिये और उन्हें दिल्ली पुलिस के एक विशेष प्रकोष्ठ द्वारा दर्ज की गई मौजूदा प्राथमिकी के साथ जोड़ दिया।

टॅग्स :सुप्रीम कोर्टदिल्लीउत्तर प्रदेश
Open in App

संबंधित खबरें

भारतIndiGo Flights Cancelled: इंडिगो ने दिल्ली से सभी फ्लाइट्स आज रात तक की बंद, यात्रियों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी

भारतDelhi Traffic Advisory: पुतिन के दौरे को लेकर दिल्ली में ट्रैफिक एडवाइजरी जारी, इन रास्तों पर जाने की मनाही; चेक करें

ज़रा हटकेVIDEO: सीएम योगी ने मोर को अपने हाथों से दाना खिलाया, देखें वीडियो

भारतIndiGo Flight Crisis: 8 एयरपोर्ट पर 100 से ज्यादा उड़ानें रद्द, यहां देखें दिल्ली-मुंबई समेत शहरों की इंडिगो फ्लाइट लिस्ट

भारतPutin visit India: पीएम मोदी और पुतिन के बीच होगा प्राइवेट डिनर, मेजबानी के लिए पीएम तैयार

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई