कार्ति चिदंबरम को सुप्रीम झटका, उच्चतम न्यायालय से 10 करोड़ लौटाने की मांग की, कोर्ट ने कहा, शिवगंगा पर ध्यान दें
By भाषा | Published: May 29, 2019 02:28 PM2019-05-29T14:28:20+5:302019-05-29T14:28:20+5:30
प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने सात मई को पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम को इस साल मई-जून में ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और स्पेन जाने की अनुमति प्रदान की थी। पीठ ने अपने आदेश में कहा था, ‘‘आवेदक (कार्ति) इस न्यायालय के सेक्रेटरी जनरल के यहां दस करोड़ रुपए जमा करायेगा जो उसके स्वदेश लौटने पर वापस कर दिये जायेंगे।’’
उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस के सांसद कार्ति चिदंबरम द्वारा विदेश यात्रा के लिये शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में जमा कराये गये दस करोड़ रुपए लौटाने के लिये दायर उनका आवेदन बुधवार को खारिज कर दिया।
कार्ति चिदंबरम के खिलाफ कई आपराधिक मामलों की सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय जांच कर रहा है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की अवकाश पीठ ने कार्ति का आवेदन अस्वीकार करते हुये उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र (शिवगंगा) पर ध्यान केन्द्रित करने की सलाह दी।
Supreme Court dismisses a petition of Karti Chidambaram seeking to release Rs 10 Crore he had deposited with registry as a condition to travel abroad, earlier.A Bench headed by Chief Justice Ranjan Gogoi tells Karti Chidambaram 'pay attention to your constituency'. pic.twitter.com/Bcthq5QAWa
— ANI (@ANI) May 29, 2019
पीठ कार्ति चिदंबरम के आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने विदेश जाने के लिए न्यायालय की रजिस्ट्री में जमा कराये गये दस करोड़ रुपए वापस दिलाने का अनुरोध किया था। कार्ति ने दावा किया था कि उन्होंने कर्ज पर यह रकम ली थी और वह इस पर ब्याज दे रहे हैं।
प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने सात मई को पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम को इस साल मई-जून में ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और स्पेन जाने की अनुमति प्रदान की थी। पीठ ने अपने आदेश में कहा था, ‘‘आवेदक (कार्ति) इस न्यायालय के सेक्रेटरी जनरल के यहां दस करोड़ रुपए जमा करायेगा जो उसके स्वदेश लौटने पर वापस कर दिये जायेंगे।’’
शीर्ष अदालत ने इससे पहले जनवरी में भी कार्ति को दस करोड़ रुपए न्यायालय में जमा कराने के बाद विदेश जाने की अनुमति दी थी। न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय के अनुरोध पर कार्ति को लिखित आश्वासन दाखिल करने का निर्देश दिया था कि वह भारत लौटेंगे और जांच में सहयोग करेंगे।
जांच एजेन्सी का कहना था कि कार्ति चिदंबरम पिछले छह महीने में 51 दिन विदेश में रहे हैं और वह जांच में सहयोग करने की बजाय इसमें विलंब करने का प्रयास कर रहे हैं।
प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई कार्ति चिदंबरम के खिलाफ कई आपराधिक मामलों की जांच कर रही है और इसमें आईएनएक्स मीडिया को विदेश से 305 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त करने के लिये विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी से संबंधित मामला भी शामिल है। यह मंजूरी उस वक्त् दी गयी थी जब कार्ति के पिता पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे।