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वायुसेना के बेड़े में शामिल होगा सुखोई-30 स्क्वाड्रन, दक्षिणी मोर्चों पर बढ़ेगी IAF की ताकत

By स्वाति सिंह | Updated: January 20, 2020 10:51 IST

यह लड़ाकू विमान अपनी लंबी दूरी तक पहुंच व कई भूमिकाएं निभा सकने की क्षमता की वजह से बेहद सक्षम है। वायुसेना में नौवहन हमलावर स्क्वाड्रन में स्वदेशी ब्रह्मोस मिसाइलें भी तैनात हैं।

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ठळक मुद्देजेट सुखोई-30 एमकेआई सोमवार को दक्षिण भारत में कदम रखने जा रहा है।आज एसयू-30 लड़ाकू स्क्वाड्रन को वायुसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा।

इडियन एयरफोर्स (आईएएफ) का खतरनाक फाइटर जेट सुखोई-30 एमकेआई सोमवार को दक्षिण भारत में कदम रखने जा रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में आज एसयू-30 लड़ाकू स्क्वाड्रन को वायुसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा। तमिलनाडु के तंजावुर में वायुसेना अड्डे पर यह समारोह आयोजित किया जाएगा।

यह लड़ाकू विमान अपनी लंबी दूरी तक पहुंच और कई भूमिकाएं निभा सकने की क्षमता की वजह से बेहद सक्षम है। वायुसेना में नौवहन हमलावर स्क्वाड्रन में स्वदेशी ब्रह्मोस मिसाइलें भी तैनात हैं। वायुसेना ने पूर्व में घोषणा की थी कि 222 स्क्वाड्रन द टाइगरशार्कसन को सुखोई के साथ एक जनवरी को फिर से खड़ा किया जाएगा।

इस स्क्वाड्रन की स्थापना मूल रूप से 15 सितंबर 1969 को एक अन्य सुखोई लड़ाकू एसयू-7 के साथ की गई थी और बाद में इसमें मिग-27 लड़ाकू विमानों को शामिल किया गया। अधिकारियों ने कहा कि फिर से खड़ी की जा रही 222 स्क्वाड्रन ब्रह्मोस से युक्त सुखोई-30 लड़ाकू विमानों वाला होगा। इन विमानों में दोहरे इंजन होंगे।

बता दें कि तत्कालीन रक्षामंत्री एके एंटनी ने 28 मई 2013 को तंजावुर एयरफोर्स स्‍टेशन को आईएएफ में शामिल किया गया था। जबकि पहले इस हवाई पट्टी का इस्तेमाल घरेलू विमानों के लिए होता था। तंजावुर एयरफोर्स स्‍टेशन के जरिए दक्षिण भारत में आईएएफ की क्षमताओं को मजबूत करना था।  

तंजावुर और कोयंबटूर में दो एयरबेस की मौजूदगी के बाद आईएएफ की क्षमताओं में इस क्षेत्र में पहले से कहीं ज्‍यादा इजाफा हो सकेगा। सोमवार को सुखोई की पहली स्क्वाड्रन सेरेमनी के मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत तंजावुर एयरफोर्स स्टेशन पहुंचेंगे। साथ ही वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया और साउदर्न एयर कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ अमित तिवारी भी मुख्य रूप से इस सेरेमनी में मौजूद रहेंगे। एयरफोर्स के एक आला अफसर के अनुसार तंजावुर में सुखोई लड़ाकू विमानों की स्क्वाड्रन दक्षिणी मोर्चों पर सुरक्षा के मद्देनजर एक मील का पत्थर साबित होगी।

टॅग्स :इंडियन एयर फोर्सबिपिन रावत
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