स्पेशल रिपोर्ट: राज्यसभा में एंट्री के लिए विपक्ष में घमासान, चार सीटों का भविष्य अधर में
By हरीश गुप्ता | Published: March 7, 2020 09:21 AM2020-03-07T09:21:56+5:302020-03-07T09:21:56+5:30
आजसू की मनुहार झारखंड में 81 सदस्यीय सदन में 26 विधायकों के साथ भाजपा मुख्य विपक्षी दल है. उसे राज्यसभा सीट जीतने के लिए अपने पूर्व सहयोगी आजसू की मदद की दरकार है.
नई दिल्ली: माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी सहित चार सीटों से सदस्यों का राज्यसभा में प्रवेश विपक्षी दलों के बीच घमासान के कारण अधर में लटक गया है. हालांकि राकांपा और शिवसेना के बीच समझौते के चलते उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र से शरद पवार की पार्टी को एक अतिरिक्त सीट देने के लिए राजी हो गए थे. लेकिन प. बंगाल, असम, हरियाणा और झारखंड में पार्टियों के बीच घमासान तेज हो गया है.
कांग्रेस की हां, माकपा की ना लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीररंजन चौधरी ने बंगाल की स्थिति पर लोकमत समूह से बातचीत में कहा, ''हमने पहले ही माकपा को उम्मीदवार चयन की आजादी देकर समर्थन का वादा किया है.'' उल्लेखनीय है कि 294 सदस्यीय प. बंगाल विधानसभा में कांग्रेस (42) वामपंथियों (28) के बगैर अपने बूते राज्यसभा सीट नहीं जीत सकती, इसलिए उसने माकपा को सीट का प्रस्ताव दिया है. लेकिन माकपा पोलितब्यूरो कांग्रेस का साथ नहीं चाहती, इसलिए अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं. किसी भेजें इस पर घमासान असम में भी 126 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस (39) अकेले नहीं जीत सकती इसलिए उसने एआईयूडीएफ से सहयोग मांगा है. यहां बातचीत अटक गई है क्योंकि एआईयूडीएफ किसी निर्दलीय को राज्यसभा भेजना चाहती है और कांग्रेस अपने किसी नेता को.
आजसू की मनुहार झारखंड में 81 सदस्यीय सदन में 26 विधायकों के साथ भाजपा मुख्य विपक्षी दल है. उसे राज्यसभा सीट जीतने के लिए अपने पूर्व सहयोगी आजसू की मदद की दरकार है. बाबूलाल मरांडी की मनुहार के बाद भी इस मामले में कामयाबी नहीं मिल सकी है. चर्चा है कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास को राज्यसभा में पहुंचाया जा सकता है.
हरियाणा में भी उलझन हरियाणा में मामला बहुत पेचीदा है. कांग्रेस को पहली पसंद के 31 वोट चाहिए और उसके सदस्यों की संख्या भी ठीक 31 ही है. लेकिन राजनीतिक अस्थिरता और विधायक फूटने की आशंका के चलते पार्टी को अपने विधायक अपने साथ रख पाने का विश्वास नहीं है. इसलिए पार्टी कुछ अतिरिक्त मतों के साथ कु. सैलजा की सीट को बचाना चाहती है. चूंकि फैसला केवल एक वोट कर सकता है, इसलिए सभी ने चुप्पी साध रखी है.