केप टाउन: पिछले साल नामीबिया से पहली बार स्थानांतरित किए जाने के बाद दक्षिण अफ्रीका ने अगले 10 वर्षों में और अफ्रीकी चीतों को भारत में स्थानांतरित करने के लिए भारत के साथ एक समझौता किया है। रॉयटर्स के अनुसार, दक्षिण अफ्रीका के पर्यावरण विभाग ने गुरुवार को यह घोषणा की। करीब 70 साल पहले चीता जैसी बिल्ली की विशाल प्रजाति भारत से विलुप्त हो गई थी।
नामीबिया से 5,000 मील (8,000 किमी) की यात्रा के बाद सितंबर में मध्य भारत के कूनो नेशनल पार्क में आठ रेडियो कॉलर वाले अफ्रीकी चीतों को छोड़ा गया था। जानकारी के अनुसार, दक्षिण अफ्रीका के पर्यावरण विभाग ने कहा, "फरवरी 2023 में 12 चीतों का प्रारंभिक जत्था दक्षिण अफ्रीका से भारत लाया जाएगा।" ये चीते भी उन्हीं चीतों के साथ रखे जाएंगे जिन्हें नामीबिया से लाया गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दक्षिण अफ्रीका के पर्यावरण विभाग ने ये भी कहा कि योजना अगले आठ से 10 वर्षों के लिए सालाना 12 और स्थानांतरित करने की है। बता दें कि नामीबिया से आठ चीते भारत आए थे। इन चीतों की उम्र 30 से 66 महीने के बीच है। नामीबिया से विशेष विमान से लाए गए इन आठ चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में 17 सितंबर 2022 की सुबह छोड़ा गया था।
भारत कभी एशियाई चीता का घर था लेकिन 1952 तक इस जानवर को विलुप्त घोषित कर दिया गया था। साल 2020 में जानवरों को फिर से लाने के प्रयासों में तेजी आई जब भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि अफ्रीकी चीतों को प्रयोगात्मक आधार पर "सावधानीपूर्वक चुने गए स्थान" पर देश में लाया जा सकता है। दक्षिण अफ्रीका के साथ सौदे के लिए बातचीत लंबे समय से चल रही थी।