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मुंबई में चेचक से 7 संदिग्धों की मौत, अबतक 1,263 मामले, ज्यादातर 1 से 4 साल के बच्चे चपेट में

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 17, 2022 11:41 IST

बीएमसी ने बुधवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि नए 184 मामलों में बुखार और शरीर पर दाने हैं और इसके साथ ही शहर में संदिग्ध चेचक के मामले बढ़कर 1,263 हो गए हैं। इन मामलों में 1 से 4 साल तक के आयु वर्ग के 647 बच्चे शामिल हैं।

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ठळक मुद्देबीएमसी के मुताबिक मुंबई के 8 वार्डों में चेचक फैल चुका है।टीकारहित बच्चों में ज्यादा फैल रहा संक्रमणबीएमसी ने बुलेटिन में बताया कि अस्पताल में चेचक के मरीजों की संख्या बढ़कर 80 हो गई है।

मुंबईःमुंबई में सितंबर में चेचक फैलने के बाद से इस बीमारी से सात संदिग्ध मौतें होने के साथ ही 164 मामले सामने आए हैं। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने यह जानकारी दी। बीएमसी ने बुधवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि नए 184 मामलों में बुखार और शरीर पर दाने हैं और इसके साथ ही शहर में संदिग्ध चेचक के मामले बढ़कर 1,263 हो गए हैं। इन मामलों में 1 से 4 साल तक के आयु वर्ग के 647 बच्चे शामिल हैं। विज्ञप्ति में कहा गया है, 12 नए मरीजों को भर्ती करने के बाद, अस्पताल में चेचक के मरीजों की संख्या बढ़कर 80 हो गई है। चेचक के संक्रमण के कारण सात संदिग्ध मौतें हुई हैं

एक निकाय अधिकारी ने मंगलवार को कहा था कि सोमवार को एक साल के एक बच्चे की चेचक से मौत हो गई। नल बाजार में रहने वाले बच्चे का इलाज पिछले सप्ताह से बीएमसी द्वारा संचालित कस्तूरबा अस्पताल चिंचपोकली में चल रहा था। नगर निकाय ने अपने बुलेटिन में कहा, हालांकि शहर में चेचक के संक्रमण के कारण सात संदिग्ध मौतें हुई हैं, लेकिन उनकी मौत के सही कारण की पुष्टि समीक्षा समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट देने के बाद ही की जा सकेगी।

आठ वार्डों में फैला चेचक

बुलेटिन में कहा गया है, चेचक का नवीनतम प्रकोप शहर के आठ नागरिक वार्डों में फैला हुआ है और सबसे अधिक मामले एम-ईस्ट वार्ड से हैं, जिसमें गोवंडी और आसपास के क्षेत्र शामिल हैं। विज्ञप्ति के अनुसार, नगर निकाय ने विभिन्न अस्पतालों में चेचक के मामूली और गंभीर लक्षण वाले मरीजों के लिए एकांत वार्डों की व्यवस्था की है। कस्तूरबा अस्पताल में पांच वेंटिलेटर के अलावा, सबसे ज्यादा 83 बिस्तर उपलब्ध हैं। नगर निगम के अधिकारियों ने माता-पिता से 9-16 आयु वर्ग के बच्चों को बीमारी के खिलाफ टीका लगवाने की अपील की है।

टीकारहित बच्चों में ज्यादा फैल रहा संक्रमण

बीएमसी की विज्ञप्ति में पहले कहा गया था कि चेचक में बच्चे को बुखार, सर्दी, खांसी और शरीर पर लाल दाने हो जाते हैं। इस बीमारी की जटिलता उन बच्चों में गंभीर हो सकती है, जिन्हें आंशिक रूप से टीका लगाया गया है या जिन्हें टीका नहीं लगाया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले सप्ताह कहा था कि उन्होंने शहर में चेचक के मामलों में वृद्धि के बाबत मुंबई में एक उच्च-स्तरीय बहु-विषयक टीम की प्रतिनियुक्ति की है। आगे कहा गया, यह टीम सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों, अपेक्षित नियंत्रण और रोकथाम उपाय करने में राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों की सहायता करेगी। 

टॅग्स :मुंबईबृहन्मुंबई महानगरपालिका
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