नई दिल्ली: गाजियाबाद में स्थित रेलवे स्टेशन के पास रह रहे झुग्गी-झोपड़ी में बांग्लादेशी बताकर लोगों को बुरी तरह से शुक्रवार को हिंदू रक्षा दल के द्वारा कथित रूप स पीटा गया। इस बात की जानकारी पुलिस ने दी और आगे बताया कि इस तरह से जबरन लोगों की झुग्गी तोड़ना अपराध है। आरोपियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह जानकारी इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट से सामने आई है।
इस मामले और कथित रूप से पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने एक्शन लिया है। इस आरोप में हिंदू रक्षा दल के प्रमुख पिंकी चौधरी और कई व्यक्तियों को इसमें उनका साथ देने पर गिरफ्तार किया है। गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया है कि हमला करने वाले लोगों को हिरासत में ले लिया गया, उनपर कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की।
मधुबन बापूधाम में गुलधर रेलवे स्टेशन के पास झुग्गी बस्ती में रहने वाली 47 वर्षीय राजवती हमले की पीड़ितों में से एक थीं। प्रकाशन के हवाले से उन्होंने बताया, "मैं अपनी झोपड़ी के बाहर खाना बना रही थी, तभी लोगों का एक समूह अचानक आया और लकड़ी के डंडों से हम पर हमला करना शुरू कर दिया।"
एसीपी ने कहा कि पिंकी चौधरी ने अपने 15-20 समर्थकों के साथ इलाके में झुग्गियों को नष्ट कर दिया। प्रारंभिक जांच के अनुसार, पुलिस को ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिससे साबित हो कि ये लोग बांग्लादेश के हैं।
मौके पर मौजूद चश्मदीद ने अखबार से कहा, "मैंने देखा कि समूह के सदस्य एक आदमी को रोक रहे थे और उससे उसका नाम पूछ रहे थे। जब उसने बताया कि उसका नाम रेहान है तो उन्होंने उसे पीटना शुरू कर दिया। उन्होंने उसे बांग्लादेशी कहा और उस पर हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार करने का आरोप लगाया"।
सब-इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने मधुबन बापूधाम थाने में भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराई है। आरोपों में दंगा करने के लिए धारा 191(2), धारा 354 किसी व्यक्ति को यह विश्वास दिलाने के इरादे से किए गए कृत्यों के लिए कि वे दैवीय नाराजगी का पात्र हैं, धारा 115(2) स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए, धारा 117(4) गंभीर नुकसान पहुंचाने के लिए शामिल हैं। धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए 299 और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए धारा 324(5) लगाई गई है।