Shiromani Akali Dal Sukhbir Singh Badal: पंजाब में राजनीति घटनाक्रम में बड़ा बदलाव हुआ है। 62 वर्षीय सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। यह घोषणा पंजाब के पूर्व शिक्षा मंत्री दलजीत एस चीमा ने एक ट्वीट में की। बादल ने अगले चुनाव का मार्ग प्रशस्त करने के लिए इस्तीफा दिया है। चीमा ने ट्वीट किया कि शिअद अध्यक्ष एस सुखबीर सिंह बादल ने नए अध्यक्ष के चुनाव का मार्ग प्रशस्त करने के लिए आज पार्टी की कार्य समिति को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
पोस्ट में आगे कहा गया कि उन्होंने अपने नेतृत्व में विश्वास व्यक्त करने और पूरे कार्यकाल के दौरान पूरे दिल से समर्थन और सहयोग देने के लिए पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया। आगे की रणनीति तय करने के लिए अकाली दल कार्यसमिति के अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ ने सोमवार दोपहर 12 बजे चंडीगढ़ स्थित पार्टी मुख्यालय में कार्यसमिति की आपात बैठक बुलाई।
गौरतलब है कि अकाली दल के अध्यक्ष पद, पदाधिकारियों और कार्यसमिति के लिए चुनाव 14 दिसंबर को होने हैं। अकाल तख्त की ओर से ‘तनखैया’ (धार्मिक कदाचार का दोषी) घोषित किये गए सुखबीर सिंह बादल ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा ने शनिवार को यह जानकारी दी।
बादल के इस्तीफे से नये पार्टी प्रमुख के चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। चीमा ने बताया कि बादल ने पार्टी कार्यसमिति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने आज पार्टी की कार्यसमिति को अपना इस्तीफा सौंप दिया, ताकि नये अध्यक्ष के चुनाव का रास्ता साफ हो सके।
उन्होंने अपने नेतृत्व में विश्वास जताने और पूरे कार्यकाल में तहेदिल से समर्थन तथा सहयोग देने के लिए पार्टी के सभी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का आभार जताया है।” बादल ने शिअद के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने से कुछ दिन पहले अकाल तख्त के जत्थेदार से धार्मिक कदाचार के आरोपों में उन्हें सजा सुनाने का आग्रह किया था।
शिअद नेता ने कहा था कि उन्हें ‘तनखैया’ करार दिए जाने को दो महीने से अधिक समय बीत चुका है। सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने 2007 से 2017 तक अकाली दल और उसकी सरकार की ओर से की गई “गलतियों” के लिए बादल को 30 अगस्त को “तनखैया” घोषित किया था। जत्थेदार ने अभी तक बादल के लिए “तनखा” (धार्मिक सजा) की घोषणा नहीं की है। बादल के अकाल तख्त से कोई अस्थायी राहत पाने में नाकाम रहने के बाद शिअद ने 24 अक्टूबर को घोषणा की थी कि वह उपचुनाव नहीं लड़ेगा।
एक जुलाई को पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) की पूर्व प्रमुख बीबी जागीर कौर सहित कई बागी शिअद नेता अकाल तख्त के सामने पेश हुए थे। उन्होंने 2007 से 2017 तक पार्टी की सरकार की ओर से की गई “गलतियों” के लिए माफी मांगी थी।