शिलांग, 3 जून: शिलांग के कुछ हिस्सों में रविवार को लगातार तीसरे दिन भी कर्फ्यू जारी है। इस मामले पर मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा 'हम बाहर से आए कई संगठनों से मिल चुके हैं और आज दिल्ली के कुछ समूहों से मुलाकात की। जिससे पता चला कि जो खबरें सामने आ रही हैं वह सच नहीं हैं। लोगों को विस्थापित करने, भूखा करने और पीटे जाने की खबर सच नहीं है। यहां लोग सुरक्षित हैं और उनकी सुरक्षा हमारा दायित्व है।' कई क्षेत्रों में सेना ने फ्लैग मार्च निकाला है। हिंसा के दौरान उग्र भीड़ ने एक दुकान और एक मकान को आग के हवाले कर दिया और कम से कम पांच वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इस हिंसा में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी घायल हो गए।
उन्होंने आगे कहा 'इन मुद्दों को सड़क और गलियों के बजाए टेबल के आर-पार बैठकर बात कर के सुलझाया जा सकता है। सीएम ने कहा, 'यहां अलग-अलग समुदायों के कई मुद्दे हैं। जोकि लगभग 20-30 वर्षों से लंबित हैं। उन्होंने कहा 'इस मामले पर हम रिपोर्ट की मांग कर चुके हैं, हम आश्वासन देते हैं कि इस मुद्दे का हम शांतिपूर्वक हल निकालेंगे।
बता दें कि हिंसा में पुलिसकर्मी समेत कम से कम 10 लोग घायल हो गए जिसके बाद इलाके में कथित तौर पर अवैध रूप से रह रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठने लगी। वहीं शहर के अशांत मोटफ्रन इलाके में पथराव करने वालों ने राज्य पुलिसकर्मियों पर हमला किया।
गौरतलब है कि बीते गुरुवार को बस कंडक्टर और एक महिला के बीच विवाद को लेकर दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हो गई। इसके बाद लोगों के एक समूह ने बस के कंडक्टर को कथित तौर पर खूब पिटा। स्थानीय अधिकारियों की माने तो इस झड़प ने तब और उग्र रूप ले लिया जब सोशल मीडिया पर यह अफवाह फैलाई गई कि घायल सहायक की मौत हो गई जिससे थेम मेटोर में बस चालकों का समूह इकट्ठा हो गया।