नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज (सेवानिवृत्त) कुरियन जोसेफ ने कहा है कि क्या निर्भया के चारों दोषियों को फांसी पर लटका दिए जाने के बाद क्या ऐसे अपराध रुक जाएंगे। पूर्व जस्टिस कुरियन जोसेफ ने कहा, बचन सिंह मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दुर्लभतम मामले में और केवल अन्य सभी विकल्पों को निर्विवाद रूप से स्वीकार किए जाने पर ही मृत्युदंड (फांसी) दिया जा सकता है।
कुरियन जोसेफ ने कहा, अगर इस तरह के अपराध करने वाले लोगों को हमेशा के लिए जेल भेज दिया जाता है, तो समाज को बताया जा सकता है कि अगर कोई भी इस तरह के अपराधों में लिप्त होता है, तो वे हमेशा के लिए सलाखों के पीछे रहेंगे। जबकि लोग भूल जाते हैं। अमल में लाना।
निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामले के चार दोषियों - मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को 20 मार्च की सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दिया जाना तय है।
निर्भया मामला पर अभी-तक के ताजा अपडेट जानें यहां?
निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामले में मौत की सजा पाए चार दोषियों के वकील ने बुधवार (18 मार्च) को दिल्ली में एक याचिका दायर कर अदालत से उनका मृत्युदंड रद्द किए जाने की मांग करते हुए कहा कि उनकी दूसरी दया याचिका अब भी लंबित है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने इस याचिका पर तिहाड़ जेल के अधिकारियों और पुलिस को नोटिस जारी करते हुए कहा कि वह इस पर कल सुनवाई करेंगे।
दोषी अक्षय सिंह ने मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दूसरी दया याचिका दायर की थी। उसी दिन एक अन्य दोषी पवन गुप्ता ने भी उच्चतम न्यायालय में सुधारात्मक याचिका दायर की जिसमें उसने अपने किशोर होने से जुड़ी पुनर्विचार याचिका खारिज किये जाने को चुनौती दी थी।
निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामले के बार में जानें?
साल 2012 के 16 दिसंबर को एक चलती बस में निर्भया (बदला हुआ नाम) के साथ सामूहिक गैंगरेप हुआ था। जिसकी वजह से निर्भया की मौत हो गई। इस घटना के विरोध में पूरे देश में उग्र व शान्तिपूर्ण प्रदर्शन हुए। इस केस में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। जिसमें से 11 मार्च 2013 को राम सिंह नामक मुख्य आरोपी ने सुबह तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी। एक और आरोपी नाबालिग था। जिसे कार्रवाई के बाद सुधार गृह में भेज दिया गया।
इसके अलावा बाकी चारों आरोपी अक्षय कुमार सिंह, विनय शर्मा, मुकेश और पवन गुप्ता चारों ही तिहाड़ जेल में बंद हैं। इन चारों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी। दोषियों की फांसी की सजा अबतक तीन बार टाली जा चुकी है।