नयी दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि डिजिटल मध्यस्थ सहित कोई भी व्यक्ति बिना लाइसेंस के ‘एग्रीगेटर’ के तौर पर काम नहीं कर सकता है। शीर्ष अदालत ने उबर इंडिया को निर्देश दिया कि वह महाराष्ट्र में अपनी सेवाओं को जारी रखने के लिए परिवहन प्राधिकार के पास लाइसेंस के लिए आवेदन करे।
न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा मोटर वाहन अधिनियम के तहत सार्वजनिक परिवहन ‘एग्रीगेटर’ के लिए नियम नहीं बनाए जाने पर भी संज्ञान लिया। अदालत ने कहा कि राज्य को ‘अनिर्णय’ न कर दुविधा की स्थिति में नहीं रहना चाहिए, जिससे कि ‘एग्रीगेटर’ के कारोबार में अनिश्चितता की स्थिति हो।
गौरतलब है कि पिछले साल सात मार्च को बंबई उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि ओला और उबर जैसे ऐप आधारित टैक्सी फर्म महाराष्ट्र में बिना वैध लाइसेंस के अपना कारोबार नहीं कर सकते। अदालत ने सभी एग्रीगेटर (ऐप या वेबसाइट जिनके जरिये ग्राहकों और सेवा प्रदाता को एक मंच पर लाकर सेवा देती है) को अपनी सेवा जारी रखने के लिए वैध लाइसेंस प्राप्त करने का निर्देश दिया था।