प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (31 अक्टूबर) को गुजरात में सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया था। इस समारोह में बीजेपी के कई बड़े नेता शामिल हुए थे। इसपर सरदार पटेल के बड़े भाई सोमभाई पटेल के पोते धीरूभाई पटेल ने कहा कि वल्लभ भाई पटेल इस सम्मान के हकदार थे। हालांकि अगर वह जिंदा होते तो इस सम्मान मो कभी स्वीकार नहीं करते। उन्हें यह सब पैसे की बर्बादी लगती। '
बता दें कि वडोदरा में रहने वाले 91 वर्षीय धीरूभाई भी प्रतिमा लोकापर्ण समारोह में विशेष आमंत्रित लोगों में शामिल थे। उनके अलावा वल्लभभाई पटेल के परिवार के अन्य 35 सदस्य भी समारोह में आए थे। सरदार वल्लभभाई पटेल के परिवार के लोगों ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को भारत के लौह पुरुष के प्रति उपयुक्त श्रद्धांजलि कहते हुए सराहना की।
धीरूभाई पटेल ने कहा कि अगर आज वह जिंदा होते और उनसे हम सबसे ऊंची प्रतिमा के बारे पूछते तो वह मना कर देते। क्योंकि उन्होंने बहुत ही साधारण से माहौल में अपना जीवन व्यतीत किया है। वह पैसों की अहमियत समझते थे। उन्हें यह सब पैसों की बर्बादी लगती।
वहीं, धीरूभाई की बेटी ने कहा कि देश के लिए जो वल्लभ भाई पटेल ने किया है वह इस मूर्ति के आगे कुछ नहीं है। वह मेरे पहले हीरो हैं और असल मायनों में राष्ट्रपिता हैं। उन्होंने कहा मैं उनसे कभी मिली नहीं हूं। लेकिन उनकी बेटी हमारे साथ ही रही थी उनसे हम लगातर वल्लभ भाई पटेल ले बारे में कहानियां सुनते हैं। वह काफी प्रेरणादायक हैं।