Sambhal mosque survey: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और अन्य नेताओं को लखनऊ पुलिस ने संभल जाने से रोक दिया. अजय राय के नेतृत्व में कांग्रेस नेता सोमवार को संभल जाने वाले थे लेकिन रविवार रात से ही पुलिस अलर्ट हो गई थी. सोमवार को जब अजय राय महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नेताओं से साथ संभल जाने के लिए कांग्रेस मुख्यालय से बाहर निकले तो पुलिस ने सभी को रोक लिया. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं की धक्का मुक्की भी पुलिस से हुई लेकिन पुलिस ने उन्हे आगे नहीं बढ़ने दिया. पुलिस की सख्ती को देखते हुए अजय राय ने संभल जाने का अपना प्रोग्राम कैंसिल कर दिया है. और उन्होने यह ऐलान किया कि जिस दिन संभल जाने से प्रतिबंध हटेगा, उस दिन कांग्रेस का डेलिगेशन वहां जाएगा और पीड़ितों से मिलेगा.
सरकार हिटलर शाही की तरह चल रही : अजय राय
संभल जिले की जामा मस्जिद के अदालत के आदेश पर हुए सर्वे के दौरान हुई हिंसा में पांच लोगों की मृत्यु हो गई थी. इस घटना के बाद राजनीतिक दलों के नेताओं ने संभल में हुई हिंसा के पीड़ित लोगों से मिलने का ऐलान किया. जिसके चलते जिला प्रशासन ने नेताओं के संभल में आने पर 10 दिसंबर तक प्रतिबंध लगा दिया. समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश अध्यक्ष तथा नेता नेता प्रतिपक्ष को संभल में आने नहीं दिया. इसी क्रम में सोमवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा मोना को संभल जाने से रोका गया.
पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद अजय राय ने पत्रकारों से कहा कि हम लोग अपने समय से निकले थे. हमारे साथ में पूर्व सांसद पीएल पुनिया भी थे, लेकिन पुलिस ने हमें आगे नहीं जाने दिया तो सड़क पर धरने पर बैठ गए थे. पुलिस प्रशासन ने हमसे कहा कि 10 दिसंबर तक संभल में प्रतिबंध है, उसके हटते ही आपको (अजय राय) बता दिया जाएगा.
इसलिए हमने तय किया है कि जिस दिन संभल में प्रतिबंध हटेगा उसी दिन हमारा डेलिगेशन संभल जाएगा और हर पीड़ित परिवार से मिलेगा. अजय राय का कहना है कि पहले ऐसा कभी नहीं हुआ कि अगर कोई डेलिगेशन पीड़ित परिवार से मिलने जा रहा हो तो उसे रोका जाए और विधायक को हाउस अरेस्ट कर लिया जाए. ये सरकार पूरी तरह से अत्याचार और अन्याय कर रही है.
योगी सरकार हिटलर शाही की तरह चल रही है. भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) सरकार में बैठे लोग दंगे की राजनीति और बंटवारे का काम करते हैं. यहीं वजह है कि ये लोग हमें संभल नहीं जाने दे रहे हैं. जानते है इनकी असलियत कांग्रेस नेतृत्व और देश की जनता जान जाएगी. कांग्रेस के पूर्व सांसद पीएल पुनिया ने भी संभल जाने से रोकने जाने पर योगी सरकार की आलोचना की.
उनका कहना था कि संभल की वास्तविक वस्तु स्थिति जानने, देखने और जांचने के लिए प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल वहां जा रहा था. किसी गंभीर घटना के होने पर मौके पर जाना बहुत जरूरी होता है. लेकिन यूपी सरकार कांग्रेस से डरी हुई है, इसलिए कांग्रेस के डेलिगेशन को संभल जाने से रोका गया और कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा मोना समेत कई नेताओं को हाउस अरेस्ट किया गया. योगी सरकार का यह फैसला अशोभनीय है.