भाजपा और उसके नेतृत्व वाली मोदी सरकार साम, दाम, दंड, भेद के जरिये राज्यों से लेकर राज्यसभा तक अपनी ताकत में इजाफा करने की मुहिम में जुटी है। राज्यसभा में तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के सांसदों को भाजपा में शामिल कराने के बाद अब निगाहें समाजवादी पार्टी (सपा) पर टिकी है। राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के नेता सुरेंद्र नागर ने इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा है कि वो जल्द ही भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। हालांकि उन्होंने अभी तक सपा छोड़ने की घोषणा नहीं की है। नागर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गुज्जरों के दिग्गज नेता माने जाते हैं।
इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि नागर उत्तर प्रदेश से ही बीजेपी के टिकट पर राज्यसभा जा सकते हैं। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले सपा के राज्यसभा सांसद नीरज शेखर ने भी इस्तीफा दिया था और अगले ही दिन बीजेपी में शामिल हो गए। नागर और शेखर के इस्तीफे के बाद राज्यसभा में सपा के सिर्फ 11 सांसद बचे हैं।
कुछ दिनों पहले कांग्रेस के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी राज्यसभा से इस्तीफा देकर बीजेपी ज्वॉइन कर लिया था। जबकि सिंह और शेखर का कार्यकाल 2020 तक था। इसके अलावा नागर का राज्यसभा कार्यकाल 2022 तक था।
दरअसल अप्रैल 2020 में लगभग 50 सदस्य राज्यसभा से रिटायर हो रहे हैं। इनमें अधिकांश उन राज्यों से हैं जहां भाजपा का दबदबा है। जाहिर है कि इन सभी राज्यों से भाजपा अपने उम्मीदवारों को चुनवाकर राज्यसभा में लाएगी। जहां एक ओर राज्यसभा में बहुमत जुटाने की जुगत में लगी भाजपा सांसदों पर डोरे डाल रही है वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, गोवा, मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ पर भी उसकी निगाह है।