उत्तर प्रदेश के उन्नाव से सांसद साक्षी महाराज का टिकट इस बार कटते-कटते बच गया। मौके को भांपते हुए अपनी उम्मीदवारी बचाने के लिए सांसद साक्षी महाराज ने यूपी बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे को एक पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र का जातीय समीकरण बताया। उन्होंने वर्तमान विधायकों, जिला पंचायत अध्यक्ष के जाति का जिक्र किया। लेटर मे उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष से कहा कि उन्हें छोड़कर क्षेत्र में कोई भी पार्टी का ओबीसी प्रतिनिधित्व नहीं करता है और पार्टी पर ओबीसी की उपेक्षा का भी आरोप लगता रहा है। सांसद ने लिखा कि अगर उन्नाव से टिकट दिया गया तो वह चार से पांच लाख वोटों से चुनाव जीतेंगे।
साक्षी महाराज द्वारा दिए जातिगत वोटों के आंकड़े-लोधी, कहार, निषाद, कश्यप, मल्लाह के पांच लाख वोट हैं। अन्य पिछड़ा वर्ग के पांच लाख वोटर हैं। ब्राह्मण के एक लाख नब्बे हजार वोटर।क्षत्रिय के एक लाख पचास हजार वोटर।अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छह लाख पचास हजार वोटर। मुस्लिम वोटर एक लाख बीस हजार और अन्य सवर्ण वोटर पचास हजार।
टिकट न मिलने पर परिणाम सुखद नहीं होगा-सांसद ने लिखा कि अगर पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो पार्टी पर ओबीसी की उपेक्षा का जो आरोप लगता है वह सही साबित होगा। उन्होंने लिखा कि उनके अलावा ओबीसी का कोई प्रतिनिधित्व जनपद में है ही नहीं। अगर पार्टी ने मुझे लोकसभा में यहां से टिकट नहीं दिया तो प्रदेश और देश के करोड़ों कार्यकर्ताओं के आहत होने की पूरी आशंका है, जिसका परिणाम सुखद नहीं होगा।
बीजेपी की तरफ से जारी उम्मीदवारों की लिस्ट में उन्नाव से साक्षी महाराज को उम्मीदवार बनाया गया है।