Modi New Cabinet Nityanand Rai: 1981 से संघ परिवार से जुड़े, एबीवीपी में शामिल, जानें कौन हैं नित्यानंद राय
By एस पी सिन्हा | Published: June 9, 2024 08:46 PM2024-06-09T20:46:20+5:302024-06-09T21:32:12+5:30
who is Nityanand Rai Modi New Cabinet: 2019 के चुनाव के बाद एनडीए 2 मंत्रिपरिषद में राज्य के गृह मंत्री बनाया गया। वहीं नित्यानंद राय एक बार फिर 2024 में उजियारपुर से लोकसभा चुनाव जीते हैं।
who is Nityanand Rai Modi New Cabinet: बिहार भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और उजियारपुर लोकसभा सीट से जीतने वाले नित्यानंद राय एक बार फिर से केंद्र में मंत्री बने हैं। नित्यानंद राय मोदी 2-0 में भी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रह चुके हैं। नित्यानंद राय ने राजद के कद्दावर नेता आलोक मेहता हो हराकर लोकसभा में पहुंचे हैं। यादव जाति के नित्यानंद राय की अपने समाज में अच्छी पकड़ बताई जाती है। उनका जन्म 1 जनवरी 1966 को हुआ था। एक किसान के बेटे नित्यानंद राय 1981 से संघ परिवार से जुड़े हुए हैं, उस साल छात्र कार्यकर्ता के रूप में एबीवीपी में शामिल हुए थे।
नित्यानंद राय 23 मई 2019 को राय गृह राज्य मंत्री बने। राय अपने कॉलेज की एबीवीपी इकाई से राजनीति में शामिल हुए। वे अपने कॉलेज में छात्रसंघ के अध्यक्ष के लिए चुने गए थे। वर्ष 2000 के बिहार विधानसभा चुनाव में राय को टिकट मिला और उन्होंने हाजीपुर से जीत हासिल की। उन्होंने लगातार चार बार सीट जीती।
2014 के आम चुनाव में राय को पड़ोसी जिले से संसदीय चुनाव के लिए टिकट मिला क्योंकि उनका गृह निर्वाचन क्षेत्र एससी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित सीट है। उन्होंने चुनाव जीता और उजियारपुर से संसद सदस्य बने। 2016 के बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें राजद मतदाताओं को लुभाने के लिए यादव चेहरे के रूप में बढ़ावा देने की कोशिश की। उन्हें भाजपा बिहार अध्यक्ष बनाया गया है और 2019 के चुनाव के बाद उन्हें एनडीए 2 मंत्रिपरिषद में राज्य के गृह मंत्री बनाया गया। वहीं नित्यानंद राय एक बार फिर 2024 में उजियारपुर से लोकसभा चुनाव जीते हैं।
नित्यानंद राय अब तक बिहार विधानसभा के सदस्य - 2000, फरवरी 2005, अक्टूबर 2005 और 2010, 2014 और 2019 - सांसद उजियारपुर निर्वाचन क्षेत्र, सितंबर, 2014- अगस्त, 2018- कृषि संबंधी स्थायी समिति के सदस्य, सितंबर, 2018-मई 2019- वाणिज्य संबंधी स्थायी समिति के सदस्य, मई 2015- भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्वास के लिए उचित मुआवजा पाने का अधिकार और पारदर्शिता (दूसरा संशोधन) विधेयक 2015 पर संयुक्त समिति के सदस्य रहे हैं।