Kolkata Rape-Murder Case: कोलकाता में एक चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या की घटना के बाद महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न को लेकर देश में छिड़ी तीखी बहस के बीच जनता दल (यूनाइटेड) के नेता के. सी. त्यागी ने बलात्कारियों को सजा के तौर पर नपुंसक बनाने का बुधवार को सुझाव दिया। उन्होंने बलात्कार के मामलों में एक महीने के भीतर त्वरित न्याय का भी आह्वान किया। त्यागी ने कहा, ‘‘ये लोग पुरुष ही न बचें ऐसी सजा होनी चाहिए। बलात्कारियों का पौरुष खत्म कर देना चाहिए।’’
पश्चिम बंगाल में हुए इस जघन्य अपराध और उसके बाद देशभर में हुए आक्रोश के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि एक समाजवादी के रूप में उनका मानना है कि महिलाओं की इच्छा के विरुद्ध कार्य करने से बड़ा कोई अत्याचार नहीं हो सकता। त्यागी ने कहा कि बलात्कार के दोषी को ऐसी कठोर सजा देने से यह सुनिश्चित होगा कि उसे अपने अपराध के लिए अपनी अंतिम सांस तक कष्ट सहना पड़ेगा और कोई भी ऐसा अपराध करने की हिम्मत नहीं करेगा। यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपनी मांग को विवादास्पद मानते हैं, जद(यू) नेता ने कहा कि यह मांग ‘‘महिलाओं के पक्ष’’ में है।
उन्होंने कहा कि बलात्कार के अपराध में न्याय में कई वर्ष नहीं लगने चाहिए, बल्कि एक महीने में ही न्याय मिल जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि जांच और सुनवाई में केवल महिला पुलिसकर्मी, चिकित्सक और न्यायाधीश ही शामिल होने चाहिए। उन्होंने कहा कि घटना के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का रवैया ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ था।
उन्होंने हालांकि मंगलवार को राज्य विधानसभा द्वारा पारित बलात्कार रोधी विधेयक का समर्थन किया। प्रस्तावित कानून में बलात्कार-हत्या के मामलों में दोषियों के लिए मृत्युदंड तथा यौन उत्पीड़न की घटनाओं में बिना पैरोल के जेल की सजा का प्रावधान है। कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नौ अगस्त को एक चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटना के बाद जारी व्यापक प्रदर्शनों के मद्देनजर, यह विधेयक पेश और पारित करने के लिए विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया था।
विधेयक को भाजपा विधायकों ने भी अपना समर्थन दिया। हालांकि पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘‘जघन्य अपराध’’ पर ‘‘जनता के गुस्से और विरोध से ध्यान भटकाने’’ के लिए यह विधेयक पेश किया है।