नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास का कार्यकाल दूसरी बार बढ़ाया जा सकता है। मामले की प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले तीन सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि भारत सरकार केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास का कार्यकाल दूसरी बार बढ़ा सकती है। यह एक अभूतपूर्व कदम है, जिससे वह 1960 के दशक के बाद से सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रमुख बन जाएंगे। दिसंबर 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त होने से पहले दास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशासन में सबसे भरोसेमंद नौकरशाहों में से एक थे। उस समय सरकार और नियामक के बीच संबंध अशांत थे।
दास, जिनका वर्तमान कार्यकाल 10 दिसंबर को समाप्त होने वाला है, हाल के दशकों में पांच वर्ष की अधिकतम अवधि से अधिक समय तक आरबीआई के गवर्नर रह चुके हैं तथा यदि उन्हें और विस्तार मिलता है तो वे बेनेगल रामा राव के बाद सबसे लंबे समय तक गवर्नर रहने वाले व्यक्ति बन जाएंगे, जिन्होंने 1949 से 1957 के बीच साढ़े सात वर्ष तक इस पद पर कार्य किया था।
मामले की प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले दो सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस समय किसी अन्य उम्मीदवार पर विचार नहीं किया जा रहा है और न ही कोई चयन समिति गठित की गई है, दास का कार्यकाल कम से कम एक साल और बढ़ाए जाने की संभावना है। मामले की प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले एक तीसरे सूत्र ने बताया कि महाराष्ट्र राज्य चुनाव में मतदान पूरा होने के बाद इस निर्णय की घोषणा की जाएगी।
देश का चुनाव आयोग सत्तारूढ़ पार्टी को ऐसी तदर्थ नियुक्तियाँ करने से रोकता है, जो मतदाता व्यवहार को प्रभावित कर सकती हैं। वित्त मंत्रालय, प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय बैंक ने टिप्पणी के लिए ईमेल से भेजे गए अनुरोधों का तुरंत जवाब नहीं दिया। मामले की गोपनीय प्रकृति के कारण पहचान उजागर न करने की इच्छा रखने वाले तीनों सूत्रों ने कहा कि अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री द्वारा लिया जाएगा।