लाइव न्यूज़ :

"राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ संविधान में दिए गए आरक्षण का पूर्ण समर्थन करता है", संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: September 7, 2023 07:50 IST

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने महाराष्ट्र में चल रहे मराठा आरक्षण विवाद के बीच कहा कि संघ संविधान में दिए गए आरक्षण के प्रावधानों को अपना पूर्ण समर्थन देता है

Open in App
ठळक मुद्देआरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संघ संविधान में आरक्षण के प्रवधानों का समर्थन करता हैसंघ प्रमुख भागवत ने यह बात महाराष्ट्र में चल रहे मराठा आरक्षण आंदोलन के संबंध में कही आरक्षण तब तक हो, जब तक भेदभाव रहे, हमने साथी मनुष्यों को सामाजिक व्यवस्था में पीछे रखा है

नागपुर: महाराष्ट्र में चल रहे मराठा आरक्षण विवाद के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने  कहा कि संघ संविधान में दिए गए आरक्षण के प्रावधानों को अपना पूर्ण समर्थन देता है।

आरएसएस प्रमुख भागवत ने बीते बुधवार को नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, "हमने अपने ही साथी मनुष्यों को सामाजिक व्यवस्था में पीछे रखा। हमने उनकी परवाह नहीं की और यह अनदेखी लगभग 2,000 वर्षों तक जारी रहा। जब तक हम उन्हें समानता प्रदान नहीं करते, उन्हें बराबरी का दर्जा नहीं मिल सकता है। उसके लिए कुछ विशेष उपाय करने होंगे। आरक्षण उन्हीं उपायों में से एक है। आरक्षण होना चाहिए, जब तक ऐसा भेदभाव बना रहे। संघ संविधान में दिए गए आरक्षण को पूरा समर्थन देता है।''

दरअसल संघ प्रमुख का आरक्षण के संबंध में दिया बयान इस कारण से महत्वपूर्ण है क्योंकि बीते शुक्रवार को महाराष्ट्र के जालना में मराठाओं के लिए आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की ओर से लाठीचार्ज किया गया था। जिसके बाद से सूबे की एकनाथ शिंदे सरकार को भारी आलोचना का सामना करना पड़ा था।

वहीं इस मुद्दे के इतर आरएसएस प्रमुख ने संघ की कार्यप्रणाली पर बात करते हुए कहा, ''संघ की संस्कृति में जहां भी देश के गौरव और राष्ट्रीय ध्वज का सवाल होगा, संघ के कार्यकर्ता उसके लिए अपने प्राणों की आहुति देने के लिए हमेशा तैयार रहेंगे।''

मौजूदा समय में चल रहे 'इंडिया बनाम भारत विवाद' और 'अखंड भारत' के मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि 'इंडिया' का भारत होना ही वास्तव में अपनी संस्कृति को स्वीकार करना है।

उन्होंने कहा, "जो लोग भारत से अलग हो गए, उन्हें लगता है कि उन्होंने गलती की है। इंडिया का भारत होना होना यानी भारत के स्वभाव को स्वीकार करना है।"

मालूम हो कि 'इंडिया बनाम भारत' के नाम पर विवाद तब शुरू हुआ, जब राष्ट्रपति द्वारा जी20 के राष्ट्राध्यक्षों को दिये गये रात्रिभोज का निमंत्रण पत्र पर इंडिया की बजाय 'भारत' के राष्ट्रपति के नाम लिखा हुआ था।

इस विषय को लेकर विवाद तब शुरू हो गया, जब विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के सदस्यों, जिसमें कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, डीएमके और तृणमूल कांग्रेस तक ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी नरेंद्र मोदी सरकार विपक्षी गठबंधन इंडिया से घबरा गई है। इस कारण सत्ताधारी भाजपा द्वारा लोगों को विभाजित करने का प्रयास किया जा रहा है।

टॅग्स :मोहन भागवतआरक्षणआरएसएसRashtriya Swayamsevak Sanghभारत
Open in App

संबंधित खबरें

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

भारतPutin Visit India: राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे का दूसरा दिन, राजघाट पर देंगे श्रद्धांजलि; जानें क्या है शेड्यूल

भारतपीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को भेंट की भगवत गीता, रशियन भाषा में किया गया है अनुवाद

भारत अधिक खबरें

भारतIndiGo Flight Cancel: इंडिगो संकट के बीच DGCA का बड़ा फैसला, पायलटों के लिए उड़ान ड्यूटी मानदंडों में दी ढील

भारतरेपो दर में कटौती से घर के लिए कर्ज होगा सस्ता, मांग बढ़ेगी: रियल एस्टेट

भारतModi-Putin Talks: यूक्रेन के संकट पर बोले पीएम मोदी, बोले- भारत न्यूट्रल नहीं है...

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो के उड़ानों के रद्द होने पर राहुल गांधी ने किया रिएक्ट, बोले- "सरकार के एकाधिकार मॉडल का नतीजा"

भारतIndiGo Flights Cancelled: इंडिगो ने दिल्ली से सभी फ्लाइट्स आज रात तक की बंद, यात्रियों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी