अलीगढ़: रामचरित मानस को लेकर उपजा विवाद फिलहाल थमा नहीं है। इस बीच उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने मंगलवार को अलीगढ़ में मौर्य की तुलना नाली के कीड़े से कर दी है। पत्रकार ने जब कैबिनेट मंत्री से स्वामी प्रसाद की रामचरित मानस पर टिप्पणी पर सवाल किया तो मंत्री ने अपने जवाब में कहा, हीरे की परख जोहरी जानता है। जिन लोगों को पता ही नहीं है कि रामायण क्या चीज है, कमल और गुलाब की खुशबू भवरा जानता है, नाली का कीड़ा नहीं जानता है।
सोमवार को सपा नेता ने ट्विटर पर लिखा, मा. प्रधानमंत्री जी आप चुनाव के समय इन्हीं महिलाओं, आदिवासियों, दलितों, पिछड़ो को हिंदू कहते हैं। आरएसएस प्रमुख, भागवत जी कहते हैं कि जाति पंडितों ने बनाई। तो आखिर इन्हें नीच, अधम, प्रताड़ित, अपमानित करने वाली रामचरित्र मानस की आपत्तिजनक टिप्पड़ीयों को हटाने हेतु पहल क्यों नहीं।
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार तुलसीदास द्वारा रचित रामचरित मानस पर टिप्पणी कर रहे हैं और इसमें से विवादित चौपाइयों को हटाने की मांग कर रहे हैं। 5 फरवरी को अपने एक ट्वीट में उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत के विवादित बयान को लेकर लिखा, यदि यह बयान मजबूरी का नहीं है तो साहस दिखाते हुए केंद्र सरकार को कहकर, रामचरितमानस से जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर नीच, अधम कहने तथा महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों को प्रताड़ित, अपमानित करने वाली टिप्पणियों को हटवायें। मात्र बयान देकर लीपापोती करने से बात बनने वाली नही है।
उन्होंने लिखा एक अन्य ट्वीट में लिखा, जाति-व्यवस्था पंडितो (ब्राह्मणों) ने बनाई है, यह कहकर RSS प्रमुख श्री भागवत ने धर्म की आड़ में महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ो को गाली देने वाले तथाकथित धर्म के ठेकेदारों व ढोंगियों की कलई खोल दी, कम से कम अब तो रामचरित्र मानस से आपत्तिजनक टिप्पड़ी हटाने के लिये आगे आयें।