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अयोध्या में बनाए जा रहे भव्य राम मंदिर का नक्शा सार्वजनिक, जानिए खासियत

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: December 31, 2020 13:18 IST

उत्तर प्रदेश में अयोध्याः राम मंदिर में कुल पांच शिखर और 12 द्वार होंगे. जिसके तहत 2.7 एकड़ में मुख्य मंदिर का निर्माण होगा, मंदिर का कुल निर्मित क्षेत्र 57400 वर्गफीट होगा.

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ठळक मुद्देकलाकृतियों, धरोहरों का संरक्षण भी किया जाएगा.भवनों का निर्माण पर्यावरण मानकों के अनुसार होगा. मंदिर के निर्माण का क्षेत्र 57400 वर्गफीट होगा.

अयोध्याः अयोध्या में बनाए जा रहे भव्य राम मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया जोरशोर से जारी है. इस बीच बुधवार को श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से रामजन्मभूमि पर 70 एकड़ क्षेत्र का नक्शा सार्वजनिक कर दिया गया.

ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अपने फेसबुक पेज पर 36 पन्नों का विकास प्रारूप जारी किया है, जिसमें जानकारी दी गई है कि इस परिसर में मंदिर के अलावा और क्या-क्या बनाया जानेवाला है. राम मंदिर के प्रथम प्रारूप के निर्माण एवं विकास में मुख्य मंदिर, मंदिर परिसर, तीर्थक्षेत्र परिसर का विकास शामिल है.

जबकि दूसरे में धरोहर संवर्धन के तहत अयोध्या तीर्थक्षेत्र के संलग्न श्रद्धा केंद्र का विकास शामिल किया गया है. बताया गया है कि मंदिर के निर्माण का क्षेत्र 57400 वर्गफीट होगा. मंदिर निर्माण में प्राकृतिक सामग्री का अधिकतम उपयोग किया जाएगा, इसमें बनने वाले भवनों का निर्माण पर्यावरण मानकों के अनुसार होगा. साथ ही कलाकृतियों, धरोहरों का संरक्षण भी किया जाएगा.

ये सब होगा रामजन्मभूमि के 70 एकड़ के क्षेत्र में :

- राम मंदिर में कुल पांच शिखर और 12 द्वार होंगे. जिसके तहत 2.7 एकड़ में मुख्य मंदिर का निर्माण होगा, मंदिर का कुल निर्मित क्षेत्र 57400 वर्गफीट होगा.

- राम मंदिर में कुल 5 मंडप होंगे, मंदिर की लंबाई 360 फीट और चौड़ाई 235 फीट होगी. मंदिर की शिखर समेत ऊंचाई 161 फीट तय है.

- मंदिर में कुल तीन तल होंगे, हर तल की ऊंचाई 20 फीट होगी. मंदिर के भूतल में स्तंभों की संख्या 160, प्रथम तल में स्तंभों की संख्या 132 और दूसरे तल में 74 स्तंभ होंगे.

- श्रीरामलला पुराकालिक दर्शनमंडल प्रकल्प में जन्मभूमि संग्रहालय होगा, जिसमें उत्खनन में प्राप्त शिलालेखों एवं पुरावशेषों की प्रदर्शनी होगी.

- श्रीरामकीर्ति में सत्संग भवन सभागार, गुरुवशिष्ठ पीठिका में वेद, पुराण, रामायण एवं संस्कृत अध्ययन-अनुसंधान अनुक्षेत्र होगा.

-भक्तिटीला में ध्यान एवं मनन निकुंज, तुलसी प्रकल्प में रामलीला केंद्र, 360 डिग्री थियेटर, रामदरबार में प्रोजेक्शन थियेटर, माता कौशल्या वात्सल्य मंडप में प्रदर्शनी कक्ष होंगे.

- झांकियों का परिसर, रामांगण में बहुआयामी चलचित्रशाला, रामायण प्रकल्प में आधुनिक सुविधा संपन्न पुस्तकालय, ग्रंथागार एवं वाचनालय होगा.

-बलिदानी लोगों की याद में भव्य स्मारक भी होगा. तीर्थयात्रियों की सुविधा के विशेष इंतजाम भी किए जाएंगे. - यहां अमानती कक्ष, सौर ऊर्जा पटल, जनरेटर, ऊर्जा उत्पादन केंद्र, स्वाचिलत सीढि़यां, लिफ्ट, आपातकालीन चिकित्सा सहायता केंद्र आदि भी होंगे.

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