सुपरस्टार रजनीकांत ने साफ कर दिया है कि उनका राजनीति में आने का अभी कोई इरादा नहीं है। इसक साथ ही उन्होंने अपने संगठन रजनी मक्कल मंदरम को भी भंग कर दिया। इससे पहले ऐसी खबरें आई थी कि रजनीकांत एक बार फिर राजनीति में आने को लेकर विचार कर रहे हैं।
बहरहाल, रजनीकात ने सोमवार को अपने संगठन के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद राजनीति में नहीं आने संबंधी घोषणा कर दी। 70 वर्षीय सुपरस्टार ने कहा, 'मेरी भविष्य में राजनीति में आने की कोई योजना नहीं है।'
ऐसे में रजनी मक्कल मंदरम को रजनीकांत फैंस वेलफेयर फोरम के तौर पर 'रजनीकांत रासीगर नरपानी मंदरम' के नाम से बदला जाएगा। बैठक से पहले रजनीकांत ने पत्रकारों से कहा था कि इस फोरम में उनके राजनीति में आने सहित अन्य विषयों पर चर्चा होगी।
रजनीकांत ने कहा था कि वे इस पर चर्चा करेंगे कि उन्हें राजनीति में आना चाहिए या नहीं। इस बयान के बाद ही उनके राजनीति में उतरने की अटकलें एक बार फिर से लगने लगी थीं।
पिछले साल भी रजनीकांत ने की थी ऐसी घोषणा
रजनीकांत के राजनीति में आने की अटकलें पिछले साल ही काफी तेज हो गई थीं। माना जा रहा था कि तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से पहले रजनीकांत राजनीति में एंट्री ले लेंगे। उन्होंने पार्टी लॉन्च करने की भी बात कही थी।
हालांकि, तमाम कयासों के बीच उन्होंने दिसंबर में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राजनीति में नहीं आने की बात कब कह दी थी। इसके बाद राजनीकांत के संगठन के कई सदस्य दूसरी पार्टियों में चले गए थे।
इसी साल जनवरी में भी रजनीकांत ने कहा था कि वह राजनीति में प्रवेश नहीं करेंगे। उन्होंने अपने प्रशंसकों से कहा कि राजनीति में आने के लिए बार-बार उन पर दबाव डालकर वे उन्हें और तकलीफ नहीं पहुचाएं और न ही इस पर फिर से के लिए कोई कार्यक्रम आयोजित करें।