राजस्थान की नयी कांग्रेस सरकार ने स्कूली शिक्षा पाठ्यक्रम में वीर सावरकर से जुड़े पाठ के तथ्यों में कुछ बदलाव किया है। इसको लेकर कांग्रेस तथा भाजपा आमने सामने आ गए हैं।
राज्य के स्कूली शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने सरकार के इस कदम का बचाव करते हुए सोमवार को कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने महात्मा गांधी व जवाहर लाल नेहरू जैसी विभूतियों की भूमिका को कमतर कर आरएसएस विचारक वीर सावरकर तथा दीनदयाल उपाध्याय का महिमामंडन किया था।
डोटासरा ने कहा कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पाठ्यक्रम समीक्षा समिति बनाई गयी थी। इसने लिखा है कि वीर सावरकर ने ब्रिटिश सरकार से माफी मांगी थी, इस तथ्य को उनकी जीवनी में जोड़ा गया है। दरअसल, पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने कुछ साल पहले तैयार पाठ्यक्रम में सावरकर को वीर, महान देशभक्त बताया था।
डोटासरा ने कहा, ‘'समिति ने ठोस तथ्यों के आधार पर अपनी बात लिखी है जिसे पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। उसके पास साक्ष्य हैं। उनके आधार पर लिखा है कि वीर सावरकर ने माफी के लिए दर्खास्त दी थी। यह बात ऐसे ही कोई नहीं लिख सकता।'’
भाजपा के विरोध पर शिक्षा मंत्री ने कहा,‘' भाजपा के पेट में बल पड़ता होगा। हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। हम इतिहास में जो है वही पढाएंगे।'’ डोटासरा ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर शिक्षा विभाग को प्रयोगशाला बना देने का आरोप लगाया।