लखनऊ: प्रवासी श्रमिकों के लिए एक हजार बसों के संचालन को लेकर कांग्रेस और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के आरोप-प्रत्यारोप बीच राजस्थान सरकार की भी एंट्री हो गई है। राजस्थान की कांग्रेस सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को एक पत्र भेजा गया है। पत्र में उन्होंने 36 लाख रुपये का बिल भेजा है। राजस्थान राज्य परिवहन (RSRTC) ने उत्तर प्रदेश परिवहन (UPSRTC) को एक पत्र लिखते हुए 36,36,664 रुपये का बिल भुगतान करने को कहा है। यह बिल कोटा से यूपी लाए गए बच्चों के लिए 70 बसें उपलब्ध करवाने का है।
पिछले महीने सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोटा में पढ़ रहे यूपी के 10, 500 बच्चों को वापस अपने राज्य बसों के जरिए से बुलाया था। जो वहां लॉकडाउन में फंस गए थे।
पत्र में RSRTC ने लिखा है कि अप्रैल 17 से 19 तक कोटा में पढ़ रहे छात्रों को उत्तर प्रदेश के फतेहपुर सीकरी (आगरा) और झांसी तक पहुंचाने के लिए RSRTC द्वारा बसों की व्यवस्था कर परिवहन सुविधा उपलब्ध कराई गई थी। जिसका बचा हुआ पेमेंट 36,36,664 (छत्ती लाख छत्तीस हजार छ सौ चौसठ रुपये) इतना है। पत्र में RSRTC ने UPSRTC के लिए बैंक अकाउंट डिटेल भी दिए हैं।
राजस्थान की कांग्रेस सरकार द्वारा भेजा गया यह लेटर 8 मई का है लेकिन मीडिया में अब सामने आया है।
क्या है पूरा विवाद
असल में लॉकडाउन के दौरान राजस्थान में करीब 11 हजार छात्र उत्तर प्रदेश के फंसे हुए थे। इन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने घर पहुंचाने के लिए 560 बसें भेजी थीं। लेकिन छात्रों की संख्या अधिक होने की वजह से राजस्थान सरकार ने 70 बसों का इंतजाम किया था। इन्ही बसों का किराया अब राजस्थान सरकार द्वारा मांगा जा रहा है।